जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बाँटने के बाद केंद्र की मोदी सरकार अब एक और बड़ा फैसला लेने जा रही है। सरकार दो केंद्र शासित प्रदेशों दमन-दीव और दादरा-नगर हवेली को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने की योजना बना रही है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने शुक्रवार (नवंबर 22, 2019) को लोकसभा में कहा कि इस संबंध में अगले हफ्ते एक बिल संसद में पेश किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव (केंद्रशासित प्रदेशों का विलय) बिल 2019 अगले हफ्ते के लिए प्रस्तावित सरकारी कामकाज का हिस्सा है। अधिकारियों का कहना है कि गुजरात के पास पश्चिमी तट पर स्थित इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों का विलय बेहतर प्रशासन और विभिन्न कार्यों के दोहराव की जाँच और निगरानी के उद्देश्य से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों ही केंद्र शासित प्रदेशों का विलय बेहतर प्रशासन और कई चीजों के दोहराव पर रोक लगाने में सहायक होगा। बता दें कि दादरा-नगर हवेली में एक, जबकि दमन-दीव में 2 जिले हैं।
महज 35 किलोमीटर दूर स्थित दोनों प्रदेशों के अपने-अपने सचिवालय और बजट हैं। एक जिले वाले दादरा-नगर हवेली एवं दो जिलों वाले दमन-दीव के विलय से प्रशासनिक खर्चों में भी कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है। पुनर्गठित केंद्र शासित प्रदेश को दादरा-नगर हवेली, दमन-दीव नाम दिए जाने और साथ ही दमन-दीव को इसका मुख्यालय बनाए जाने की संभावना है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को UT बनाए जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश की संख्या बढ़कर नौ हो गई थी। अब जब दो केंद्र शासित प्रदेशों का विलय होगा तो यह संख्या घटकर 8 हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि इसी साल अगस्त महीने में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ ही 5 अगस्त को संसद में जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन बिल पेश किया था। इस बिल के माध्यम से जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा समाप्त कर प्रदेश को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।