राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेस का गठबंधन टूट गया है। आम आदमी पार्टी ने विधायकों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक के बाद आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया है कि दिल्ली में अब कॉन्ग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी का गठबंधन नहीं होगा। दिल्ली में आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ेगी।
लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली और गुजरात में साथ चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनों ही पार्टियों की करारी हार हुई थी। लोकसभा चुनाव में हार के बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने विधायकों की समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक के बाद आम आदमी पार्टी ने कॉन्ग्रेस को छोड़ते हुए विधानसभा चुनाव में अकेले उतरने का ऐलान किया।
दिल्ली सरकार के मंत्री और आम आदमी पार्टी के सीनियर लीडर गोपाल राय ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हमने लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया था लेकिन विधानसभा चुनाव हम अकेले ही लड़ेंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह पहले से तय था कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक के लिए है। लोकसभा चुनाव हमने ईमानदारी के साथ लड़ा था। लेकिन अब ये गठबंधन आगे नहीं बढ़ेगा।
गोपाल राय ने कहा कि हम दिल्ली की जनता के साथ मिलकर इस लड़ाई को जीतेंगे। आम आदमी पार्टी पूरी ताकत के साथ विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।
बता दें कि आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में इंडिया अलायंस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। दिल्ली में कॉन्ग्रेस ने 3 और आम आदमी पार्टी ने 4 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सभी सीटों पर उसे मुँह की खानी पड़ी थी औरदिल्ली की सातों सीटें बीजेपी की झोली में गई थीं।
मौजूदा समय में 70 विधानसभा सीटों पर आप के 62 विधायक हैं। गठबंधन के उम्मीदवार आप के 44 विधायकों के क्षेत्रों में धराशायी हो गए। लोकसभा चुनाव में उतरे आप के चार उम्मीदवारों में से तीन वर्तमान में विधायक हैं, लेकिन इन तीनों में से दो अपने ही विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार से हार गए।