‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB)’ ने ‘समान नागरिक संहिता (UCC)’ के खिलाफ कमर कस ली है और बड़ी लड़ाई का ऐलान किया है। लखनऊ में बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक में मुस्लिमों से कई आह्वान किए गए।बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी के नेतृत्व में ये बैठक नदवातुल उलेमा में आयोजित हुई। बोर्ड ने मुस्लिमों को सलाह दी कि मुस्लिम होने का मतलब है खुद को अल्लाह के हवाले करना – इसीलिए, हमें पूरी तरह शरीयत पर अमल करना है।
इस्लामी जिहाद को आगे बढ़ाने के लिए AIMPLB ने भारत के संविधान की भी आड़ ली और कहा कि इसमें सभी धर्मों पर अमल की स्वतंत्रता दी गई है। हुकूमत से अपील करते हुए कहा गया कि वो आम नागरिकों की आज़ादी का एहतेराम करे। साथ ही UCC को लागू किए जाने को बोर्ड ने अलोकतांत्रिक करार दिया। AIMPLB ने कहा कि मुल्क में नफरत का ज़हर फैलाया जा रहा है और इसे सियासी हथियार भी बनाया जा रहा है।
AIMPLB ने कहा कि ये नुकसानदेह है और और अगर मुल्क में भाईचारा खत्म हो गया तो मुल्क का इत्तेहाद पार हो जाएगा। बोर्ड ने धमकाया कि अगर ये आग ज्वालामुखी बन गई तो मुल्क की तहजीब, उसकी नेकनामी, इसकी तरक्की और इसकी नैतिकता – सब जल कर ख़ाक हो जाएगी। ‘मॉब लिंचिंग’ वाले नैरेटिव को आगे बढ़ाते हुए ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ ने कई राज्यों में बने जबरन धर्मांतरण विरोधी कानूनों का जिक्र करते हुए कहा कि धर्म के प्रचार का हक़ संविधान देता है।
Uttar Pradesh | AIMPLB in a meeting passes a resolution on UCC deeming its implementation as "unnecessary" along with emphasising that 1991 Places of Worship Act should be "maintained & well-implemented". It also emphasised Freedom of Religion on the issue of conversion. pic.twitter.com/uTMEAmj72p
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 5, 2023
बोर्ड ने कहा, “सभी से अपील है कि नफरत की इस आग को बुझाने का काम करें। मुस्लिम अधिक से अधिक अपने शैक्षणिक संस्थान कायम करें, जहाँ पर आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ अपनी सभ्यता और संस्कृति की सुरक्षा को भी यकीनी बनाया जा सके। UCC से दलितों-आदिवासियों की सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान को भी नुकसान पहुँचेगा। अगर वर्शिप एक्ट खत्म किया गया तो देश भर में अराजकता फ़ैल जाएगी।” बैठक में AIMIM के मुखिया और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हुए।