महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और एनसीपी के अजित पवार अपनी पार्टी से बगावत कर के उप-मुख्यमंत्री बने। अजित को मनाने के लिए शरद पवार ने अपने विश्वस्त क्षत्रपों को भेजा लेकिन सब नाकाम हुए। अजित पवार ने सोशल मीडिया पर मिल रही बधाइयों का जवाब देते हुए सबका धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि पूरे 5 साल सरकार चलेगी। हालाँकि, एनसीपी ने उन्हें विधायक दल का नेता पद से तो हटा दिया है लेकिन पार्टी से नहीं निकाला है। जयंत पाटिल, छगन भुजबन और वलसे पाटिल सहित कई नेताओं ने अजित के साथ बैठक कर उन्हें मनाने की कोशिश की।
इस दौरान अजित पवार ने एनसीपी नेताओं के सामने कई तर्क रखे। उन्होंने ख़ुद को सही साबित करने के लिए 5 बिंदुओं को एनसीपी नेताओं के सामने रखा। वो 5 बिंदु निम्नलिखित हैं:
1. पाँच सालों के लिए NCP का मुख्यमंत्री क्यों नहीं?
अजित पवार ने पूछा कि जब 56 सीटों वाली शिवसेना 105 सीटों वाली भाजपा से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री माँग रही थी तो अब उसे एनसीपी और कॉन्ग्रेस के साथ वाले गठबंधन में पूरे 5 सालों के लिए मुख्यमंत्री का पद क्यों दिया जाए?
Ajit pawar is being convinced again by jayant patil , chavan bhujbal and dilip valse patil , it’s been 2 hours ajit pawar hasn’t left assembly , he was to go to mantralay along with devendra fadanvis , but ncp last try out is on #MaharashtraCrisis
— Sahil Joshi (@sahiljoshii) November 25, 2019
अजित पवार ने एनसीपी नेताओं को कहा कि उद्धव ठाकरे 54 सीटों वाली एनसीपी को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद क्यों नहीं देगी? उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि एनसीपी नेताओं का शिवसेना के सामने झुकना उन्हें पसंद नहीं है।
2. गठबंधन लोकतंत्र विरोधी नहीं
अजित पवार ने एनसीपी नेताओं से पूछा कि अगर भाजपा और एनसीपी के गठबंधन को अलोकतांत्रिक बताया जा रहा है तो फिर शिवसेना के साथ उसका गठबंधन लोकतान्त्रिक कैसे हुआ? उन्होंने नेताओं को याद दिलाया कि कैसे शिवसेना नेताओं ने चुनाव के दौरान कई बार सीमाएँ लाँघते हुए एनसीपी व एनसीपी नेताओं के ख़िलाफ़ ओछी भाषा का प्रयोग किया।
3. टिकाऊ होगा भाजपा-एनसीपी गठबंधन
अजित पवार ने कहा कि तीन दल मिल कर सरकार बनाएँ, इससे अच्छा है कि दो पार्टियों की एक स्थिर सरकार हो। उन्होंने शंका जताई कि तीन दलों की सरकार ठीक से नहीं चल पाएगी। उन्होंने शिवसेना के व्यवहार की चर्चा करते हुए कहा कि उसके साथ गठबंधन टिकाऊ नहीं होगा।
4. महाराष्ट्र के साथ वफादार नहीं है शिवसेना
अजित पवार ने उदाहरण देते हुए बताया कि शिवसेना ने कॉन्ग्रेस की आपत्ति के कारण ‘महा शिव अघाड़ी’ नाम में से ‘शिव’ हटा दिया। उन्होंने पूछा कि ऐसी पार्टी महाराष्ट्र के गर्व के साथ न्याय कैसे करेगी? उन्होंने कहा कि शिवसेना मराठा स्वाभिमान को आगे ले जाने वाली पार्टी नहीं है।
5. मुंबई संभालने में नाकाम हो रही शिवसेना
बृहन्मुम्बई महानगरपालिका में एक अरसे से शिवसेना काबिज है। अजित पवार ने कहा कि शिवसेना उसे चलाने में ही नाकाम सिद्ध हो रही है। उन्होंने उन्हें मनाने आए एनसीपी नेताओं से पूछा कि जो शिवसेना मुंबई संभालने में नाकाम हो रही है, वो पूरे राज्य को कैसे संभालेगी? उन्होंने कहा कि राज्य चलाने के मामले में शिवसेना पर भरोसा करना सही नहीं है।