समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच दूरियाँ मिटती दिख रही है। अखिलेश ने पार्टी में चाचा की वापसी के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि शिवपाल यादव अगर पार्टी में आना चाहते हैं तो आँख बंद करके उन्हें शामिल कर लिया जाएगा।
इस संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा, “मेरे परिवार में लोकतंत्र है। जो आना चाहे उसके लिए पार्टी के दरवाज़े खुले हैं। हर किसी का स्वागत है।
Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav on being asked about the possibility of Shivpal Yadav rejoining the party: There is democracy in our family. Our party is open to anyone who wants to come. Everyone is welcome here. #Lucknow pic.twitter.com/44yf1hVWPU
— ANI UP (@ANINewsUP) September 20, 2019
बता दें कि शुक्रवार को मैनपुरी में शिवपाल यादव से जब सपा में शामिल होने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि परिवार में उनकी तरफ से पूरी गुंजाइश है, लेकिन कुछ लोग परिवार को एक नहीं होने दे रहे। उनका इशारा आज़म ख़ान को लेकर था।
लोकसभा चुनाव में मिली हार के और बसपा अध्यक्ष के गठबंधन तोड़ने के बाद से अखिलेश यादव के सामने अपनी पार्टी को बचाए रखने की बड़ी चुनौती है। हाल ही में कई राज्यसभा सदस्य सपा छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
ग़ौरतलब है कि 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान मुलायम सिंह के कुनबे में वर्चस्व की जंग छिड़ गई थी। अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी पर अपना एकछत्र राज क़ायम कर लिया था। इसके चलते चाचा-भतीजे के बीच गहरी खाई बन गई थी। हालाँकि, वर्चस्व की लड़ाई को ख़त्म करने की कोशिश पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने की थी, लेकिन वो क़ामयाब नहीं हो पाए थे।
बाद में शिवपाल यादव ने अपने समर्थकों के साथ समाजवादी मोर्चे का गठन किया और फिर इस मोर्चे को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का नाम दिया। सपा नेता रामगोविंद चौधरी ने शिवपाल यादव की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की याचिका डाल दी थी।