Sunday, November 17, 2024
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‘स्त्री की मर्यादा कैसे रखी जाती है, रामायण में वर्णन हैं, स्त्री की मर्यादा के लिए युद्ध उचित है तो होना चाहिए’

रामायण में केवल धर्म और संस्कृति ही नहीं, राजनीति, युद्ध, विज्ञान और प्रशासन भी है। शायद ही कोई ऐसी भाषा होगी, जिसमें रामायण का अनुवाद न किया गया हो।

केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में 5वें अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव में शिरकत करते हुए महाकाव्य रामायण को भारतीय संस्कृति का राजदूत बताया। इस दौरान उन्‍होंने कहा, “रामायण पर घंटो बोला जा सकता है। लेकिन, मैं ये कह सकता हूँ कि हजारों वर्षों के अविरत भारत के सांस्कृतिक धारा प्रवाह की अभिव्यक्ति किसी महाकाव्य के अंदर हुई है, तो वो रामायण है।

‘बहुत सालों से नहीं देखा रामायण मंचन, स्त्री की मर्यादा के लिए युद्ध उचित’

अमित शाह ने कहा, “हमने बहुत साल से रामायण मंचन कार्यक्रम नहीं देखा इसलिए यहाँ ये मंचन देखने आए हैं। रामायण को सभी ने मंच पर मंचित करने का प्रयास किया है। देश की सीमाओं को लाँघते हुए, रामायण पूर्ण महाकाव्य है। इस पूरे महाकाव्य रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने राम के सारे जीवन चरित्र का वर्णन किया है। प्रभु श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम थे जिससे उनका पूरा जीवन चरित्र उजागर होता है। रामायण में कई ऐसे काव्य हैं जो ज्ञान-विज्ञान, सुशासन सबका वर्णन करते हैं। स्त्री की मर्यादा कैसे रखी जाती है उसका रामायण में वर्णन है- स्त्री की मर्यादा के लिए युद्ध उचित है तो होना चाहिए।”

उन्होंने साथ में जोड़ा कि शायद ही कोई ऐसी भाषा होगी, जिसमें रामायण का अनुवाद न किया गया हो।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि रामायण में केवल धर्म और संस्कृति ही नहीं, राजनीति, युद्ध, विज्ञान और प्रशासन भी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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