छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की बंपर जीत के बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए विष्णुदेव साय के नाम का ऐलान किया। वह जल्द ही बतौर प्रदेश सीएम शपथ लेंगे। उनके नाम की घोषणा होने के बाद उन्होंने बलिदानी वीर नारायण सिंह की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और फिर कहा कि भाजपा हकीकत में जनजातीय समुदाय की परवाह करती है। कॉन्ग्रेस ने तो बस एक वोट बैंक की तरह उनका इस्तेमाल करती हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय जनजातीय समुदाय से आने वाले दूसरे मुख्यमंत्री हैं। भाजपा के इस फैसले से भले ही जनजातीय समुदाय में जितना खुशी का माहौल हो और विपक्ष को झटका लगा हो… लेकिन हकीकत तो यह है कि भाजपा ने पहले ही इशारा कर दिया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो इस बार मुख्यमंत्री पद किसे मिलेगा।
#WATCH Raipur: Chhattisgarh Chief Minister-designate Vishnu Dev Sai says, "Today is the death anniversary of Shaheed Veer Narayan Singh, so we have come to pay tribute to him. BJP really cares about the tribal community. Congress has used them only as a vote bank…BJP itself has… pic.twitter.com/yOLIH7p161
— ANI (@ANI) December 10, 2023
छत्तीसगढ़ में एक चुनावी रैली के वक्त उन्होंने विष्णुदेव साय की ओर इशारा करते हुए मतदाताओं से अपील की थी कहा था कि कि वो विष्णुदेव साय को आगामी विधानसभा चुनाव में विजयी बनाएं, बाकी का काम उनका है। अमित शाह ने कहा था, “आप इनको विधायक बना दो, उनको बड़ा आदमी बनाने का काम हम करेंगे।’ अमित शाह ने अपना वादा निभाया। वैसे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के तौर पर भले ही अब उनके नाम पर मुहर लगी हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी का आलाकमान पहले ही तय कर चुका था कि विष्णुदेव साय को ही वो छत्तीसगढ़ जैसे जनजातीय बहुल राज्य का चेहरा बनाने वाला है।
उल्लेखनीय है कि विष्णुदेव साय 4 बार सांसद रहे हैं। वो नरेंद्र मोदी सरकार की पहली सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे थे। साल 2016 में उनका पोर्टफोलियो भी बढ़ाया गया। लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी जगह रायगढ़ लोकसभा सीट से गोमती साय को उम्मीदवार बना दिया गया। विष्णुदेव साय ने आलाकमान का कोई विरोध नहीं किया, बल्कि वो आलाकमान के हर फैसले के साथ रहे।
नतीजन उन्हें साल 2020 में छत्तीसगढ़ भाजपा की कमान सौंप दी गई। विष्णुदेव साय को लेकन भारतीय जनता पार्टी का आलाकमान (मोदी और शाह की जोड़ी) पहले से ही नपे-तुले फैसले ले रही थी। विष्णुदेव साय अपनी उपयोगिता साबित करते रहे। उन्होंने छत्तीसगढ़ में सबसे वोटर वर्ग के नेता को साल 2022 में प्रदेश अध्यक्ष पद सौंप दिया। और खामोशी से वो सरगुजा संभाग में अपने काम में जुटे रहे। उनके नेतृत्व में भाजपा ने सरगुजा संभाग की सभी 14 में से 14 विधानसभा सीटों पर क्लीन स्वीप किया। अब बारी हाईकमान की थी कि अमित शाह ने छत्तीसगढ़ की जनता से जो वादा किया था, वो पूरा किया जाता। इसे आलाकमान ने अब पूरा किया है।
खास बात ये है कि विधायकों की बैठक के दौरान खुद तीन बार के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा। वो रायपुर से लेकर नई दिल्ली तक भाजपा की हर टीम के गुड बुक में रहे हैं। अब वो छत्तीसगढ़ के चौथे और कुल दूसरे आदिवासी मुख्यमंत्री बन रहे हैं। बता दें कि विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कॉन्ग्रेस का पूरी तरह से सफाया कर दिया। कॉन्ग्रेस सरकार के कई महत्वपूर्ण मंत्री चुनाव तक हार गए। विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए गए, लेकिन विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला पूरे एक सप्ताह बाद आया। इस दौरान छत्तीसगढ़ में भाजपा के विधायकों की तरफ से आलाकमान के हर फैसले को माना गया और नतीजा ये है कि छत्तीसगढ़ एक बार फिर से भाजपा का अभेद्य किला बनकर उभरा है।