ओडिशा में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकालने की सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सशर्त मॅंजूरी दे दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस फैसले के लिए पूरे देश को बधाई दी है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, “आज का दिन हम सबके लिए, विशेषकर ओडिशा के हमारे भाइयों-बहनों और भगवान जगन्नाथ के भक्तों के लिए एक शुभ दिन है। रथयात्रा को सुप्रीम कोर्ट की मॅंजूरी मिलने से पूरे देश में उत्साह और आनंद का माहौल है। जय जगन्नाथ!”
विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा 23 जून को निकलनी है।
Today is a special day for all of us, particularly our Odia sisters and brothers as well as devotees of Mahaprabhu Shri Jagannath Ji. The entire nation is delighted by the decision of the Supreme Court to ensure the Rath Yatra goes on: Home Minister Amit Shah pic.twitter.com/qXGIrkzV74
— ANI (@ANI) June 22, 2020
शाह ने लिखा, “यह मेरे साथ-साथ देशभर के करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए हर्ष की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने न केवल श्रद्धालुओं की भावनाओं को समझा, बल्कि इस मामले का सकारात्मक हल निकले, इसके लिए तुरंत प्रयास शुरू किए, जिससे हमारी यह महान परंपरा कायम रही। कल शाम मैंने प्रधानमंत्री जी की सलाह पर गजपति महाराज जी (पुरी के राजा) और पुरी के शंकराचार्य जी से बात की और यात्रा को लेकर उनके विचारों को जानकर प्रधानमंत्री जी को अवगत कराया। आज सुबह प्रधानमंत्री के निर्देश पर सॉलिसिटर जनरल से भी बातचीत की।”
अमित शाह ने फोन के जरिए पुरी के गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव के साथ मंदिर की व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा भी की है।
सोमवार (22 जून, 2020) को श्रीजगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक डॉ. किशन कुमार की अध्यक्षता में स्थानीय नीलाचल भक्त निवास में रथयात्रा को लेकर बैठक हुई, जिसमें जिलाधिकारी बलवंत सिंह भी मौजूद रहे। बलवंत सिंह ने बताया कि रथयात्रा को लेकर श्रीक्षेत्र धाम पूरी तरह से तैयार है। सुप्रीम कोर्ट के सभी निर्देशों का पालन किया जाएगा।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले पर हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने शर्तों के साथ जगन्नाथ रथयात्रा को निकालने की अनुमति जारी कर दी। कोर्ट ने कहा है कि पुरी रथ यात्रा स्वास्थ्य से समझौता किए बिना मंदिर समिति, राज्य और केंद्र सरकार के समन्वय के साथ आयोजित की जाएगी।
इस रथयात्रा को निकाले जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 16 पिटीशन दाखिल की गईं थीं। इसके बाद मामले में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोवडे ने तीन जजों की एक बेंच गठित की। इस बेंच में सीजेआई एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी शामिल हैं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 23 जून को निकलने वाली जगन्नाथ रथयात्रा पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए एक स्थान पर लाखों लोगों के जमा होने की अनुमति नहीं दी थी।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिकाओं में कहा गया था कि जगन्नाथ रथयात्रा सदियों पुरानी परंपरा है, जिसमें करोड़ों लोगों की आस्था है। इस यात्रा को सिर्फ पुरी में ही निकालने की इजाजत दी जाए। माँग की गई थी कि पुरी की मुख्य रथयात्रा को ही अनुमति दे दी जाए।
साथ ही कोर्ट से आग्रह किया गया था कि यात्रा निकालने और पूजा करने के लिए लाखों लोगों के बजाय सिर्फ 500-600 लोगों को ही अनुमति दी जाए। इस दौरान कोरोना से बचाव संबंधी सभी गाइडलाइन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा।
इतना ही नहीं इस माँग को लेकर बीजेपी नेता संबित पात्रा की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल की थी। याचिका में उन्होंने कहा था कि भगवान जगन्नाथ के उन 800 सेवायतों के माध्यम से भक्तों की मंडली के बिना रथयात्रा को निकालने की अनुमति दी जा सकती है।