महाराष्ट्र (Maharashtra) में हिंदुओं (Hindus) का लगातार मजाक उड़ाया जा रहा है। राज्य में शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी एनसीपी के एमएलसी अमोल मिटकरी (NCP MLC Amol Mitkari) ने 19 अप्रैल 2022 को पश्चिम महाराष्ट्र के सांगली जिले के इस्लामपुर में एनसीपी परिवार संवाद यात्रा के दौरान रैली में शादियों में किए जाने वाले कन्यादान और हिंदू रीति-रिवाजों का मखौल उड़ाया। यहीं नहीं, उन्होंने झूठे मंत्र और उनके झूठे अर्थ भी बताकर ब्राह्मणों को अपमानित किया।
पुजारी आणि ब्राह्मणांची खिल्ली उडवताना Amol Mitkari. एका राज्याच्या मंत्र्याला किती हसू अनावर झाले बघा. अशी हिंदू संस्कृतीची चेष्टा करायला ह्यांच्या नास्तिक साहेबांनी ह्यांना शिकवले. पालघर साधूंची हत्या आणि ही चेष्टा फक्त लक्षात असुद्या.
— Pranav Jadhav (@pranaavj) April 20, 2022
कालाय तस्मै नमः #NCP
– एक आस्तिक बहुजन pic.twitter.com/N0F4y5W4xo
दरअसल, लाउडस्पीकर से अजान विवाद के बीच मनसे चीफ राज ठाकरे (MNS Chief Raj Thackeray) ने राज्य सरकार को सख्त चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर सरकार मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है तो उनकी पार्टी अजान की तुलना में दोगुनी आवाज में मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा बजाएगी।
राज ठाकरे को जबाव देने के लिए अमोल मिटकरी ने सबसे पहले हनुमान चालीसा का पाठ किया और कहा, “राज ठाकरे को हमें हमारे धर्म का प्रचार करने की आवश्यकता नहीं है। लाउडस्पीकर लगाने से पहले उन्हें पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि क्या वह हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। मुझे पूरी हनुमान चालीसा याद है और मैं इसका पाठ कर सकता हूँ।”
मिटकरी ने हनुमान चालीसा के कुछ छंदों को पढ़ा भी। इस पर उनकी प्रशंसा करते हुए एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री जयंत पाटिल (Jayant Patil) ने उन्हें मारुति स्तोत्रम का पाठ करने के लिए कहा। इस पर मिटकरी ने मारुति स्त्रोतम की जगह रामरक्षा स्तोत्रम का एक श्लोक पठा, जिसमें भगवान हनुमान का वर्णन किया गया है। जब इसके लिए उनकी तारीफ हुई तो उन्होंने संक्षिप्त रामायण के श्लोक का पाठ किया। इसमें केवल चार पंक्तियों में भगवान राम की पूरा कथा का वर्णन किया गया है। इसके अंत में मिटकरी ने पुजारी की नकल करते हुए कहा, “अपनी आँखों में जल डाल दो।”
इतना सुनते ही मंच पर बैठे जयंत पाटिल और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ठहाके मार के हँसने लगे। हिंदू परंपराओं के प्रति अपनी नफरत को जाहिर करते हुए मिटकरी ने कहा, “यह ऐसे किया जाता है। कौन जाने हमारा बहुजन समाज इससे कब उबरेगा?” वो यहीं नहीं रुके। हिंदुओं के प्रति अपनी भड़ास निकालते हुए एनसीपी नेता ने आगे कहा, “आचमन करो। जल छोड़ दो।”
मिटकरी ने धनंजय मुंडे को संबोधित करते हुए कहा, “मुंडे साहब, एक बार मैं एक जगह गया था। कन्यादान की रस्म अदा की जा रही थी। लड़की के पिता ने मुझे कुछ देर बैठने को कहा। उन्होंने कहा कि कुछ देर बैठिए कन्यादान चल रहा है। मैंने उनसे पूछा सर, मैंने अन्नदान (भोजन दान), नेत्रदान, रक्तदान आदि के बारे में सुना है। क्या बेटी दान की वस्तु है? उन्होंने कहा कि हाँ बस ऐसे ही है। हमें इस तरह सिखाया गया है। जैसे ही उन्होंने मुझे बैठने के लिए कहा, मैं वहीं एक कुर्सी पर बैठ गया।”
एनसीपी नेता ने कहा, “दूल्हा पीएचडी था और दुल्हन एमए थी।” पुजारी की नकल उतारते हुए अमोल मिटकरी ने कहा, “धूपं दीपं नैवेद्यं नमस्कारम। जल को आँखों से लगाओ।” लगातार मंत्रों का जाप करते हुए मिटकरी ने कहा, “अपना हाथ मेरे हाथ में दो। अपनी पत्नी का हाथ मेरे हाथ में दो। इसके बाद पुजारी कहता है मैं जो कहूँ वो कहो, मैं अपनी पत्नी को आपको समर्पित करता हूँ। मैं उस दूल्हे के कानों में बुदबुदाया। तुम एक बेवकूफ हो! वह पुजारी आपकी पत्नी को ले जाने के लिए कह रहा है।”
हिंदू परंपराओं का मजाक बनाते हुए अमोल मिटकरी ने कहा, “ये लोग आज हनुमान चालीसा के बारे में हमें बता रहे हैं। मेरे भाषण के बाद कई और नेता बोलेंगे। साहेब, अब मैं उद्यापन करूँगा। बस मुझे उचित दक्षिणा मिलनी चाहिए। जैसे ही दक्षिणा मिलेगी मैं गायब हो जाऊँगा।” मिटकरी का कहना था कि पुजारी को केवल दक्षिणा चाहिए, बस।
कन्यादान पर फैलाया झूठ
सनातन परंपरा में कन्यादान का बड़ा महत्व है। कन्यादान संस्कृत शब्द है, जो कन्या+आदान से मिलकर बना है। इसमें कन्या का अर्थ लड़की है तो आदान का अर्थ प्राप्त करना होता है। अर्थात शादी समारोहों में विवाह के दौरान दूल्हा अपने परिवार में लड़की को प्राप्त करने के लिए सहमत होता है। हालाँकि, मिटकरी ने इसे किसी प्रकार का दान समझकर महिलाओं का विरोध किया।
इतना ही नहीं, एनसीपी के एमएलसी ने हाथ में हाथ लेने की बात पर झूठ फैलाया। विवाह की रस्मों के संकल्प की शुरुआत करते हुए दुल्हन, उसके माता-पिता और दूल्हा हाथों को मिलाते हैं। अमोल मिटकरी ने झूठ फैलाया कि पुजारी जोड़े का हाथ अपने हाथ में लेता है और दूल्हे को अपनी पत्नी को पुजारी को सौंपने के लिए कहता है।