हज पर जाने वाले समुदाय विशेष को दी जाने वाली आर्थिक मदद में आंध्र प्रदेश की सरकार ने वृद्धि की है। यरुशलम और बाइबल में उल्लेखित स्थानों की यात्रा करने वाले ईसाइयों को भी अब सरकार ज्यादा आर्थिक मदद देगी। हज यात्रियों को दी जाने वाली आर्थिक मदद जारी करने को लेकर राज्य सरकार ने एक फाइनेंशियल ऑर्डर जारी किया है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मंगलवार को सरकार ने बताया, “तीन लाख रुपए से कम की सालाना आय वाले लोगों को हज के लिए 60 हजार रुपए की मदद दी जाएगी। जिनकी सालाना आय तीन लाख रुपए से ज्यादा होगी उन्हें 30 हजार रुपए मिलेंगे।” इसके अलावा आंध्र प्रदेश हज कमेटी हज कैंप में रिपोर्ट करने से लेकर उनकी रवानगी तक उनके रहने और खाने का भी इंतजाम करेगी।
इसी तरह की मदद ईसाइयों को भी यरुशलम की यात्रा के लिए मिलेगी। सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक तीन लाख रुपए से कम की सालाना आय वाले ईसाइयों को यरुशलम, बेथलेहम, नाज़रेथ, जॉर्डन नदी, मृत सागर और गैलिली सागर की यात्रा करने के लिए अब 60,000 रुपए की मदद दी जाएगी।
राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेट्री मोहम्मद इलियास रिजवी ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। रिपोर्ट्स के अनुसार ये फैसला आँध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी का वादा था, जो उन्होंने ईसाई समुदाय के लोगों से पिछले साल अपनी 3,648 किमी की पदयात्रा में किया था।
Govt of Andhra Pradesh: Financial assistance to Christians with annual income of less than Rs 3 lakhs for pilgrimage to Jerusalem & other Biblical places, increased from Rs 40,000 to Rs 60,000. Financial assistance to other christian pilgrims increased from Rs 20,000 to Rs 30,000
— ANI (@ANI) November 19, 2019
इससे पहले 40,000 रुपए की मदद दी जाती थी जिसकी घोषणा 2016 में चंद्र बाबू नायडू की सरकार ने की थी। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव मोहम्मद इलियास रिज़वी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक जिनकी आय तीन लाख रुपए से अधिक है उन्हें अब 20,000 के बजाय 30,000 रुपए की मदद दी जाएगी। इस योजना की शुरुआत 2013 में एकीकृत आंध्रप्रदेश में हुई थी। तब यरुशलम की धार्मिक यात्रा करने पर सरकार 20,000 रुपए की आर्थिक मदद देती थी।
उल्लेखनीय है कि भारत में धार्मिक यात्राओं के मद्देनजर ईसाइयों और मुस्लिमों को सरकार की ओर से अनुदान या सहायता राशि दी जाती है। लेकिन हिंदू समुदाय के लिए किसी भी धार्मिक यात्रा पर सरकार कोई अनुदान या सहायता राशि नहीं देती। साल 2012 में ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को साल 2022 तक चरणबद्ध तरीके से हज सब्सिडी ख़त्म करने का निर्देश दिया था। लेकिन ये फैसला कितना कार्यन्वित किया जाएगा, ये देखना बाकी है।