महाराष्ट्र सरकार ने अपने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जाँच के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उद्धव सरकार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी करेंगे। बताया जा रहा है कि अनिल देशमुख ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
100 करोड़ की वसूली के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जाँच के लिए याचिका दाखिल की थी। सोमवार को हाईकोर्ट ने परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए देशमुख के खिलाफ सीबीआई जाँच का आदेश दिया था। फैसला आते ही महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
Maharashtra Government moves Supreme Court challenging the Bombay High Court order in which it ordered the CBI probe against former Home Minister, Anil Deshmukh, for his alleged involvement in corruption, levelled by former Mumbai Police Commissioner Param Bir Singh
— ANI (@ANI) April 6, 2021
कोर्ट ने सोमवार को कहा, “हम इस बात पर सहमत हैं कि अदालत के सामने आया यह अभूतपूर्व मामला है। देशमुख गृह मंत्री हैं जो पुलिस का नेतृत्व करते हैं। स्वतंत्र जाँच होनी चाहिए। सीबीआई को प्रारंभिक जाँच 15 दिन के भीतर पूरी करनी होगी और फिर आगे की कार्रवाई पर फैसला लेना होगा।”
पीठ ने 52 पन्नों के अपने फैसले में कहा कि अनिल देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह के आरोपों ने राज्य पुलिस में नागरिकों के भरोसे को दाँव पर लगा दिया है। अदालत ने कहा कि एक सेवारत पुलिस अधिकारी द्वारा राज्य के गृह मंत्री के खिलाफ लगाए गए ऐसे आरोपों को बिना जाँच के नहीं रहने दे सकते। जहाँ इसमें जाँच की जरूरत होगी, वहाँ की जाएगी।
वहीं गृह मंत्री का पद संभालते ही दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि पुलिस प्रशासन के कामकाज में कोई राजनीतिक दखल न हो। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता महिला सुरक्षा की होगी।