उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में जारी चुनावी घमासान के बीच योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके खिलाफ पडरौना MP-MLA कोर्ट ने अरेस्ट वारंट जारी किया है। मौर्य के खिलाफ ये वारंट 7 साल पुराने मामले में जारी किया गया है, जिसमें हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी की थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, सात साल पुरानी ये घटना वर्ष 2014 की है। उस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samajwadi Party) में थे। उन्होंने हिंदुओं की धार्मिक भावनाएँ भड़काने की कोशिश करते हुए अपने समर्थकों को पूजा नहीं करने की नसीहत दी थी। जिसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। तभी उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया था। लेकिन साल 2016 में उन्होंने इस पर कोर्ट से स्टे ले लिया था, जिसकी मियाद 12 जनवरी 2022 को खत्म हुई।
स्टे की समय सीमा समाप्त होने के पहले 6 जनवरी 2022 को MP-MLA कोर्ट उन्हें सुल्तानपुर की कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। लेकिन जब वो 12 जनवरी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो ये पहले की तरह से जारी हो गया। अब कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 जनवरी 2022 का दिन तय किया है।
बीजेपी से इस्तीफा दे चुके हैं मौर्य
गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार (11 जनवरी 2022) को बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था। वो योगी सरकार में मंत्री थे। उन्होंने ट्विटर पर अपना इस्तीफा पोस्ट करते हुए योगी सरकार पर दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया था।
दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं। pic.twitter.com/ubw4oKMK7t
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 11, 2022
रिपोर्ट के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी में शामिल होने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वो 14 जनवरी को सपा में शामिल होंगे। मौर्य का कहना है कि उनके पास भाजपा के किसी छोटे या बड़े नेता का फोन नहीं आया है। उनका कहना है कि अगर बीजेपी सार्वजनिक मुद्दों पर काम करती तो ये दिन नहीं देखना पड़ता।