अंग्रेज़ी अख़बार ‘द हिन्दू’ में फाइटर प्लेन राफ़ेल से संबंधित छपे एक लेख को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बकवास बताया। जेटली ने कहा कि राफ़ेल पर ‘द हिन्दू‘ का लेख अंकगणित की हेराफेरी पर आधारित है। उन्होंने कहा कि जो सौदा 2007 में हुआ ही नहीं, उसकी कीमत को दरकिनार कीजिए। उन्होंने राफ़ेल सौदे में घोटाला खोजने वालों को एक तरह का चैलेंज देते हुए कहा कि 2016 के दामों से इसकी तुलना कीजिए और तब घोटाला खोजकर दिखाइए।
‘द हिन्दू’ की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वायुसेना द्वारा 126 विमानों की माँग की जगह सिर्फ 36 विमान खरीदने के फैसले के कारण हर एक फाइटर जेट की कीमत में 41.42 प्रतिशत की वृद्धि हो गई। वित्त मंत्री जेटली ने इस रिपोर्ट को खारिज़ करते हुए कई ट्वीट किया। जेटली ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने कीमतों का आकलन किया है और सीएजी भी उसकी जांच कर रहा है।
उपचार के लिए अमेरिका गए वित्त मंत्री जेटली ने वहीं से ट्वीट कर कॉन्ग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “2007 में नहीं हुए सौदे के दाम को दरकिनार करके 2016 की दामों से तुलना करते हुए, फ़िर एक घोटाले का पता कीजिए।” उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा कि अंकगणित के आधार पर लगाए जाने वाला यह आरोप बिल्कुल बेबुनियाद व बकवास है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि 2016 की तुलना में 2007 में यूपीए सरकार के समय राफ़ेल की ऑफर कीमत अधिक थी। रक्षा मंत्रालय ने ‘द हिंदू’ के रिपोर्ट को गलत बताते हुए कहा है कि न्यूज पेपर ने अपनी रिपोर्ट में आधारहीन फ़ैक्ट व तर्क दिए हैं।
यही नहीं रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी कि ससंद में बहस के दौरान रक्षा मंत्री ने इन सभी आरोपों का बेहद गहराई से जवाब दिया है।
पिछले दिनों वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ‘द हिंदू’ में छपे रिपोर्ट के हवाले सरकार पर यह आरोप लगाया था कि भाजपा सरकार ने अपने फ़ायदे के लिए एक फ़्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट को अप्रत्याशित लाभ पहुँचाया।
चिंदबरम ने भाजपा सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि कॉन्ग्रेस सरकार की तुलना में भाजपा सरकार ने प्रति राफ़ेल विमान की कीमत ₹186 करोड़ ज्यादा दी है। इस तरह से वर्तमान सरकार पर हमला बोलते हुए पी चिदंबरम ने मुख्य तौर पर दो आरोप लगाया है।
चिदंबरम का पहला आरोप यह है कि सरकार ने एयर फोर्स के लिए खरीदी जाने वाली विमान की संख्या 90 से घटाकर 45 कर दी। एक तरह से यह देश की रक्षा व्यवस्था के साथ मजाक है। वहीं कॉन्ग्रेस की तरफ़ से चिदंबरम ने दूसरा आरोप यह लगाया कि 2016 की तुलना में सरकार ने प्रति लड़ाकू विमान के लिए फ्रांसीसी कंपनी को ₹186 करोड़ अधिक दिए हैं।
पी चिदंबरम के इन सभी सवालों का जवाब सरकार की मंत्री स्मृति ईरानी ने देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सरकार के पक्ष में फ़ैसला दे चुकी है, रक्षा मंत्री ने ससंद में घंटे भर विपक्ष के सभी सवालों का जवाब दिया है, कैग के पास मामले से जुड़ी सभी फ़ाईल है। ऐसे में कॉन्ग्रेस को राफ़ेल मामले में अफ़वाह फ़ैलाने का कोई हक नहीं है। इस मामले पर कॉन्ग्रेस का असली चेहरा लोगों के बीच आ गया है।