मेनस्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया में कॉन्ग्रेस के नेता और उनके समर्थक JNU में हुई हिंसा के लिए केंद्र सरकार पर दोष मढ़ने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। यहाँ तक कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह को खलनायक के तौर पर चित्रित करने का भी काम कर रहे हैं।
Zee News की ख़बर के अनुसार, कॉन्ग्रेस नेता राशिद अल्वी ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को “Experts in Roiting” यानी “दंगों का एक्सपर्ट” तक कह डाला। अमरोहा में, कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता ने प्रियंका गाँधी और कॉन्ग्रेस को ‘आग बुझाने वाला’ और दो बीजेपी सुप्रीमों को ‘आग लगाने वाले लोग’ बताया।
कॉन्ग्रेस नेता ने कहा, “अमित शाह और नरेंद्र मोदी का इतिहास पूरे देश में विख्यात है। यह दोनों दंगे कराने में विशेषज्ञ रहे हैं। अमेरिका ने उन्हें वीज़ा देने से मना कर दिया था, देश के लोग उनके इतिहास को अच्छी तरह से जानते हैं।”
राशिद अल्वी ने कहा, “प्रियंका गाँधी और कॉन्ग्रेस पार्टी आग बुझाने का काम करती हैं और ये लोग (मोदी-शाह) आग लगाने जा रहे हैं।” इसके आगे कॉन्ग्रेस नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दोनों एक दूसरे की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी और इमरान खान एक साथ हैं और यही कारण है कि यह सब हो रहा है।”
राशिद अल्वी ने पीएम मोदी के ख़िलाफ़ ऐसा पहली बार मोर्चा नहीं खोला है। इससे पहले, 2013 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, अल्वी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘यमराज’ कहा था। यह बड़ी विचित्र बात है कि कॉन्ग्रेस नेता जिस मुद्दे के लिए मोदी और शाह को ‘दंगों का विशेषज्ञ’ कह रहे हैं, उसमें उन्हीं के पार्टी के सदस्यों का हाथ होने की ख़बर सामने आई है।
रविवार (5 जनवरी) को JNU परिसर में नक़ाबपोश गुंडों ने दंगा किया और छात्रों को मारा-पीटा। इस दंगे को ABVP के सिर मढ़ने के लिए जिस व्हाट्सअप ग्रुप का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर JNU छात्र संगठन की पूर्व अध्यक्ष गीता ने शेयर किया उसका कनेक्शन वामपंथियों से था। इस ग्रुप में शामिल कई लोगों के नंबर साफ़तौर पर नज़र आए। इन नंबर्स की जब पड़ताल की गई तो पता चला कि उसमें एक नंबर अमन सिन्हा नाम के छात्र का था।
बता दें कि यह वहीं अमन सिन्हा था जिसका संबंध भाजपा से नहीं बल्कि कन्हैया कुमार, उमर खालिद जैसे वामपंथियों और कट्टरवादियों से था। इतना ही नहीं अमन सिन्हा की वॉल पर, उसके द्वारा शेयर की गई तस्वीरों से यह साफ पता चलता है कि इस पूरे कारनामे को सुनियोजित ढंग से अंजाम देने के लिए किसने अपनी भूमिका निभाई। ऐसे में कॉन्ग्रेस नेता राशिद अल्वी का मोदी और शाह को लेकर दिया गया बयान आधारहीन ही नहीं बल्कि मनगढ़ंत भी है।
JNU हिंसा में वामपंथी हुए बेनकाब! एक मोबाइल नंबर, एक व्हॉट्सअप ग्रुप और कई स्क्रीनशॉट से पर्दाफाश
JNU में आतंक के 8 घंटे: मास्क लगाए गुंडों ने मचाई तबाही, छात्र-छात्राओं से लेकर टीचर-गार्ड तक घायल