Saturday, November 16, 2024
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45 साल की गुलामी सिर्फ इसलिए… जनेऊधारियों के साथ जाने से यही होता है: गुलाम नबी पर ओवैसी का तंज

"आदर्श न्याय, गुलाम नबी साहब मुझ पर यही आरोप लगाते थे। अब आप पर भी यही आरोप लगा है। 45 साल की गुलामी सिर्फ इसलिए? अब ये साबित हो गया है कि जनेऊधारी लीडरशिप का विरोध करने वाला बी-टीम ही कहलाया जाएगा। मुझे उम्मीद है कि मुस्लिम समुदाय के लोग समझेंगे कि कॉन्ग्रेस के साथ रहने से क्या होता है।"

राहुल गाँधी द्वारा कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर भाजपा से मिलीभगत होने के आरोप के बाद कॉन्ग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने अपना इस्तीफा देने तक की बात कही। इसके बाद AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने गुलाम नबी आजाद पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया है।

ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा, “आदर्श न्याय, गुलाम नबी साहब मुझ पर यही आरोप लगाते थे। अब आप पर भी यही आरोप लगा है। 45 साल की गुलामी सिर्फ इसलिए? अब ये साबित हो गया है कि जनेऊधारी लीडरशिप का विरोध करने वाला बी-टीम ही कहलाया जाएगा। मुझे उम्मीद है कि मुस्लिम समुदाय के लोग समझेंगे कि कॉन्ग्रेस के साथ रहने से क्या होता है।”

दरअसल आज, सोमवार सुबह ही राहुल गाँधी ने कॉन्ग्रेस CWC की बैठक में कथित तौर पर आरोप लगाया कि कॉन्ग्रेस के नेतृत्व में बदलाव की माँग करने के लिए लिखे गए इस इस पत्र के पीछे कॉन्ग्रेस के नेताओं का भाजपा से साँठ-गाँठ है। राहुल गाँधी के इस बयान से कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने खुलकर अपनी नाराजगी प्रकट की है। गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफे तक की बात कह डाली।

इस पर कपिल सिब्बल ने ट्विटर के जरिए कॉन्ग्रेस के प्रति अपने सेवा और भक्ति के बारे में ट्विटर पर लिखा है, “राहुल गाँधी कहते हैं कि हमारी बीजेपी के साथ साँठ-गाँठ है, राजस्थान हाईकोर्ट में पार्टी को सफलता दिलाई। मणिपुर में बीजेपी के खिलाफ पूरी ताकत से पार्टी का बचाव किया। पिछले 30 सालों में बीजेपी के पक्ष में एक भी बयान नहीं दिया। फिर भी हम पर बीजेपी से साँठ-गाँठ का आरोप लग रहा है।”

वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने CWC की बैठक के दौरान ही यह ट्वीट किया है। लेकिन, इसके कुछ ही देर बाद एक और ट्वीट में कपिल सिब्बल ने लिखा कि उन्होंने राहुल गाँधी से इस बारे में ग़लतफ़हमी को दूर कर लिया है और वह ट्वीट वापस लेते हैं।

कॉन्ग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कार्यकारिणी की बैठक में कहा है कि अगर राहुल गाँधी इन आरोपों को प्रमाणित कर सकते हैं तो वे इस्तीफा दे देंगे। गौरतलब है कि कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने कॉन्ग्रेस वर्किंग कमेटी से पहले पत्र लिखा था।

इस पत्र में कॉन्ग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े किए गए और कहा गया कि इस वक्त एक ऐसे अध्यक्ष की जरूरत है जो स्थायी नेतृत्व दे सके। CWC बैठक की शुरुआत में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा कि मुझे रिप्लेस करने की प्रक्रिया शुरू करें।

सोमवार (अगस्त 24, 2020) को हुई इस बैठक में इस पत्र को लेकर काफी विवाद हुआ है। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की। हालाँकि, कई वरिष्ठ नेताओं ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। साथ ही, यह पत्र लिखने वालों पर राहुल गाँधी ने अपना गुस्सा व्यक्त किया और इसकी टाइमिंग पर सवाल खड़े किए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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