असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने असम के भीतर जनसांख्यिकी में बदलाव को अपने लिए जिन्दगी और मौत का मुद्दा बताया है। उन्होंने असम में मुस्लिम जनसंख्या की बढ़ोतरी को लेकर भी आँकड़े दिए हैं। उन्होंने यह बयान झारखंड की राजधानी राँची में दिया है। वहीं पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने अल्पसंख्यक मोर्चा के औचित्य पर प्रश्न उठाते हुए कहा है कि हम उनके साथ हैं, जो हमारे साथ है।
हिमंता बिस्वा सरमा को झारखंड में भाजपा का सह प्रभारी बनाया गया है। वर्तमान में वह झारखंड के दौरे पर हैं। उन्होंने राँची में एक बैठक में हिस्सा लिया और झारखंड में घुसपैठ और आदिवादी लड़कियों के धर्म परिवर्तन को बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा, “झारखंड में घुसपैठिया यहाँ की बेटियों से शादी कर रहे हैं। यह रोकने में झारखंड की JMM-कॉन्ग्रेस विफल है। घुसपैठिए पहले असम-बंगाल आते हैं। उनको पहले रोकने की जिम्मेदारी केंद्र की है लेकिन अगर वो एक बार अंदर आ गए तो उन पर कार्रवाई राज्य सरकार को करनी होती है।”
झारखण्ड में बाहर से घुसपैठियों का आना और आदिवासी बेटियों को फसाना एक समस्या है। यह सब JMM-Cong के संरक्षण में हो रहा है।
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 17, 2024
असम एक बॉर्डर राज्य है। मैं रोज घुसपेठियों से लड़ रहा हूँ, इस मामले में झारखण्ड की सरकार ने क्यों हाथ ऊपर कर दिया हैं? pic.twitter.com/eoWqrpjrzC
उन्होंने कहा, “झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश भी दिया है कि घुसपैठियों को पकड़ा जाए और बंद किया जाए। फॉरेनर्स कानून के अंतर्गत घुसपैठिए बाहर निकालने का अधिकार राज्य सरकार का होता है, मैं असम में यह काम रोज करता हूँ। यदि आप अपना काम नहीं कर रहे हैं तो दिल्ली पर दोष डाल रहे हैं तो आपको कुर्सी छोड़ दीजिए।”
1951 में असम में मुसलमानों की आबादी सिर्फ़ 14% थी। आज उनकी आबादी लगभग 40% है।
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 17, 2024
जनसांख्यिकीय परिवर्तन हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है, यह अस्तित्व का मुद्दा है। pic.twitter.com/B3nsAokVD2
उन्होंने जनसांख्यिकी की समस्या को लेकर कहा, “बदलती जनसांख्यिकी मेरे लिए बहुत बड़ा मुद्दा है। असम में 1951 में मुस्लिम जनसंख्या 12% थी अब यह बढ़ कर 40% हो चुकी है। आज असम में पूरा जिला खो चुके हैं। मेरे लिए यह राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि जीने-मरने का मुद्दा है। मैं इससे रोज संघर्ष करता हूँ।”
गौरतलब है कि असम के पश्चिम बंगाल की सीमा से लगने वाले जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठ अब बड़ा मुद्दा बन रही है। कई जगह पर मुस्लिमों के जनजातीय लड़कियों से शादी करके उनके लिए बनाए गए कानूनों का फायदा उठाने की बात भी सामने आई है। वहीं कुछ जगह पर वोटरों की संख्या में एकाएक बढ़ोतरी देखी गई है।
सुवेंदु अधिकारी ने कहा- जो हमारे साथ हम उसके साथ
पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा है कि जो हमारे साथ हैं अब हम उसके साथ हैं। वह पश्चिम बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
No need of Minority Morcha anymore in Bengal. LoP Suvendu Adhikari asks for a immediate stop to this 'Sabka Sath' thing. Muslims will never vote us & any outreach in future will only constitute to a waste of time & resources. pic.twitter.com/rAqxN9xVlF
— Sudhanidhi Bandyopadhyay (@SudhanidhiB) July 17, 2024
उन्होंने कहा, “हम अब तक राष्ट्रवादी मुस्लिमों के विषय में बात करते थे और कहते थे सबका साथ, सबका विकास। अब और नहीं अब जो हमारे साथ वो उसके साथ। अब अल्पसंख्यक मोर्चा की जरूरत नहीं है। सबका साथ, सबका विकास बंद करो।”
My statement is being taken out of context. I am clear that those who are Nationalists, stand for this Nation and Bengal, we should be with them. Those who don’t stand with us, work against the interest of Nation and Bengal, we need to expose them. Also, like Mamata Banerjee, we…
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) July 17, 2024
सुवेंदु अधिकारी ने यह बयान वायरल होने के बाद इस पर ट्वीट भी किया। उन्होंने कहा, “मेरे बयान को गलत संदर्भ में लिया जा रहा है। मैं साफ़ तौर पर कहता हूँ कि जो राष्ट्रवादी हैं, इस देश और बंगाल के लिए खड़े हैं, हमें उनके साथ होना चाहिए। जो हमारे साथ नहीं खड़े हैं, देश और बंगाल के खिलाफ काम करते हैं, हमें उनका पर्दाफाश करना चाहिए। हमें इसी के साथ ममता बनर्जी की तरह लोगों को बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक में नहीं बाँटना चाहिए और उन्हें भारतीय के रूप में देखना चाहिए। मैं प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के नारे को पूरी तरह से मानता हूँ।”