अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आज (21 सितंबर 2024) दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल गया। उपराज्यपाल सचिवालय में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ दिल्ली कैबिनेट के पाँच अन्य मंत्रियों—सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन, और मुकेश अहलावत ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली। आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं। उनसे पहले कांग्रेस की शीला दीक्षित और बीजेपी की सुषमा स्वराज इस महत्वपूर्ण पद पर रह चुकी हैं।
महज 4 साल में विधायक से मंत्री और फिर मुख्यमंत्री पद का सफर
आतिशी का राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प रहा है। वह आम आदमी पार्टी (AAP) के शुरुआती दौर से ही पार्टी के साथ जुड़ी हुई हैं। वर्ष 2013 में जब पार्टी ने दिल्ली में पहली बार चुनाव लड़ा, तब आतिशी घोषणापत्र मसौदा समिति की सदस्य रहीं और पार्टी का पहला मैनिफेस्टो तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिक्षा, स्वास्थ्य, और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर आतिशी की विशेष पकड़ रही है, और पार्टी की नीतियों को आकार देने में उनका अहम योगदान रहा है।
आतिशी ने पार्टी प्रवक्ता के तौर पर कई मंचों पर पार्टी का पक्ष मजबूती से रखा है। वैसे, आतिशी ने सफलता की सीढ़ियाँ काफी तेजी से चढ़ी हैं। साल 2020 में वो पहली बार विधायक बनीं, और साल 2023 में पहली बार मंत्री और अब अगले ही साल वो दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गई हैं। अरविंद केजरीवाल ने शराब नीति घोटाले में जेल से लौटने के बाद इस्तीफा दे दिया था।
#WATCH | AAP leader Atishi takes oath as Chief Minister of Delhi pic.twitter.com/R1iomGAaS9
— ANI (@ANI) September 21, 2024
केजरीवाल सरकार की विफलताओं का बोझ पड़ सकता है भारी
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी ने दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, लेकिन यह पद उनके लिए कई चुनौतियाँ लेकर आया है। केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने कई मोर्चों पर विफलताएँ झेली, जिनमें प्रदूषण, जल संकट, और महिला सुरक्षा जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं। इन विफलताओं का असर आतिशी के कार्यकाल पर भी पड़ेगा, क्योंकि जनता का विश्वास पहले ही कमजोर हो चुका है। आगामी 6 महीनों में उन्हें न केवल इन विफलताओं को दूर करना होगा, बल्कि पार्टी की छवि सुधारने की भी जिम्मेदारी उठानी होगी।
मुखौटा मुख्यमंत्री?
केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है, क्योंकि दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी से जो उम्मीदें लगा रखी हैं, उन्हें पूरा करने की चुनौती अब आतिशी के कंधों पर है। चूँकि अरविंद केजरीवाल एक विफल मुख्यमंत्री साबित हुए हैं, ऐसे में आतिशी पर जिम्मेदारियों को बोझ कहीं ज्यादा है। हालाँकि राजनीतिक जानकार उन्हें अरविंद केजरीवाल का मुखौटा मुख्यमंत्री कहने से नहीं चूक रहे हैं। इस बीच, उनका अरविंद केजरीवाल का पैर छूने का वीडियो भी सामने आ गया, जो शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद का है।
Watch | आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. शपथ लेने के बाद CM आतिशी ने छुए अरविंद केजरीवाल के पैर…. #CMAtishi #Delhi #AAP #AamAadmiParty #AtishiCabinet #news #hindi #hindinews #latestnews #latestupdates #abpnews #india pic.twitter.com/w40xH93UZz
— ABP News (@ABPNews) September 21, 2024
इन पाँच मंत्रियों ने भी ली शपथ
आतिशी के साथ शपथ लेने वाले मंत्रियों में सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत भी शामिल हैं। ये सभी नेता अपने-अपने विभागों में कुशल और अनुभवी माने जाते हैं, और सरकार के सफल संचालन के लिए इनका सहयोग महत्वपूर्ण होगा। कैबिनेट में आतिशी के साथ सौरभ भारद्वाज पहले से ही कई बड़े विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और दिल्ली में सिविक इंफ्रास्ट्रक्चर और परिवहन के क्षेत्र में उन्होंने काम किया है। वहीं, गोपाल राय किसानों और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं।
हालाँकि आतिशी को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर 6 महीनों का कार्यकाल मिला है, लेकिन यह समय उनके लिए कई चुनौतियों से भरा रहेगा। आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति को मजबूत बनाए रखना और जनता का विश्वास जीतना भी आतिशी के लिए प्राथमिकताओं में होगा।
हालाँकि राजनीति में उनकी अनुभवहीनता को देखते हुए उनके मुख्यमंत्री बनने पर सवाल उठ रहे हैं। चुनावों से पहले उनकी इस छोटी अवधि में विपक्षी पार्टियाँ इन मुद्दों को जोर-शोर से उठाने वाली हैं। उनके नेतृत्व में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को जनता के सामने नई योजनाओं और कामकाज के दम पर विश्वास जीतना होगा, जो फिलहाल आसान नहीं दिख रहा।