देवेंद्र फडणवीस सरकार के रहते जब मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट के लिए आरे जंगल में पेड़ों को काटा जा रहा था, तब आदित्य ठाकरे ने उसका विरोध किया था। शिवसेना ने सत्ता संभालते ही मेट्रो प्रोजेक्ट को रोकने की घोषणा की और इसकी समीक्षा की बात कही। उद्धव ने मुख्यमंत्री बनते ही घोषणा करते हुए कहा कि मेट्रो नहीं रुकेगा लेकिन आरे में अब पेड़ तो क्या, एक पत्ता भी नहीं काटा जाएगा। पर्यावरण एक्टिविस्ट्स ने इसका स्वागत किया। अब ख़बर आई है कि मराठवाड़ा के औरंगाबाद में बाल ठाकरे मेमोरियल के लिए 1000 पेड़ों को काटा जाएगा।लोग इसे शिवसेना का दोहरा रवैया बता रहे हैं।
बाल ठाकरे शिवसेना का संस्थापक थे। औरंगाबाद के प्रियदर्शिनी पार्क में उनका मेमोरियल बनाया जा रहा है। औरंगाबाद म्युनिसिपल कॉपोरेशन (AMC) इसके लिए 1000 पेड़ों को काट कर वहाँ से हटाना चाहती है। औरंगाबाद नगरपालिका पर फ़िलहाल शिवसेना का ही कब्ज़ा है। 17 एकड़ में फैला प्रियदर्शिनी पार्क औरंगाबाद के बीचोंबीच स्थित है। यह एक घने जंगल की तरह है। लोग यहाँ टहलने, जॉगिंग करने या हरियाली के बीच अपना समय व्यतीत करने के लिए आते हैं। इस पार्क का इस शहर के लिए ख़ासा महत्व है। कई जीव-जंतुओं ने भी यहाँ अपना बसेरा बना रखा है।
प्रियदर्शिनी पार्क को पक्षियों की 70 प्रजातियों के अलावा तितलियों की 40 प्रजातियों ने अपना बसेरा बनाया हुआ है। इसके अतिरिक्त यहाँ कई रेप्टाइल्स और छोटे जानवर भी रहते हैं। जाहिर है, पेड़ों को काटना इन जानवरों के घरों को तोड़ने जैसा होगा। शिवसेना यहाँ बाल ठाकरे का एक विशाल मेमोरियल बनाने की योजना बना रही है। साथ ही एक बड़ा गैलरी और थिएटर भी बनाया जाएगा। शिवसेना के नियंत्रण वाली औरंगाबाद म्युनिसिपल कारपोरेशन ने एक फूड कोर्ट और एक म्यूजियम के निर्माण की भी योजना तैयार की है।
Sena to Cut 5000 Trees for Statue.
— Chandrabhushan Joshi (CJ) (@MatruBhakt) December 6, 2019
But But But But These Guys Are Cancelling the Aarey Metro Shed which is going to serve millions of Mumbaikars
Hypocrisy at its best !!https://t.co/fQxA6g0ITr
3 एकड़ में बनने वाले मेमोरियल के निर्माण में कुल 61 करोड़ रुपए ख़र्च आएँगे। पेड़ों को काटने के ख़िलाफ़ अदालत में पीआईएल दाखिल करने वाले सन्नी खिनवसरा ने कहा कि एएमसी ने कोर्ट में डाले गए एफिडेविट में स्पष्ट नहीं बताया है कि कितने पेड़ काटे जाएँगे और कहा है कि कम से कम पेड़ों को काटा जाएगा। एएमसी ने एक स्थानीय अख़बार में 330 पेड़ काटने के लिए टेंडर आमंत्रित किया है। उन्होंने बताया कि ये पार्क एएमसी ने सिटी एंड इंडसट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (CIDCO) से लिया और तब से इसकी हालत बदतर होती जा रही है।
अब तक एएमसी 1200 पेड़ों को काट चुकी है। पर्यावरणविदों ने माँग की है कि आरे की तरह औरंगाबाद में बाल ठाकरे मेमोरियल का काम भी रोका जाए। इससे पहले आरे में मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर पेड़ काटने पर शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय के माध्यम से कहा गया था कि पेड़ों के पास मताधिकार नहीं होते हैं, इसीलिए उन्हें काटा जाता है। शिवसेना ने पूछा था कि ‘पेड़ों की हत्या’ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं? लेकिन अब शिवसेना खुद ही पेड़ कटवाने जा रही है।