अयोध्या में भगवान राम की भव्य मूर्ति लगाने और पर्यटन विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने करीब 447 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी है। यह मूर्ति गुजरात में स्थापित सरदार पटेल की स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की तर्ज पर बनेगी। भगवान राम की यह मूर्ति विश्व की सबसे ऊँची मूर्ति होगी। अयोध्या को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक पर्यटन केन्द्र के तौर पर स्थापित करने की कवायद के तहत उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शुक्रवार (नवंबर 1, 2019) को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी।
Uttar Pradesh Chief Minister’s Office: Cabinet chaired by Chief Minister Yogi Adityanath today approved seven important proposals including Rs 446.46 crore for installation of grand statue of Lord Ram and construction of a digital museum in Ayodhya. (File pic) pic.twitter.com/Sp39T7y1gh
— ANI UP (@ANINewsUP) November 1, 2019
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सात प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि अयोध्या को अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा। श्रीकांत शर्मा ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम की नगरी अयोध्या से देश और दुनिया के करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है।
उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या में पर्यटन विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिए भगवान राम की भव्य प्रतिमा, उन पर आधारित डिजिटल म्यूजियम, इंटरप्रेटेशन सेंटर, लाइबेरी, पार्किंग, फूड प्लाजा आदि की स्थापना हेतु 61.387 हेक्टेयर भूमि की खरीद के लिए 447.46 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसमें से 100 करोड़ रुपए चालू वित्तीय वर्ष में जारी किए जाएँगे।
शर्मा ने बताया कि भगवान राम की प्रतिमा गुजरात में लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल की स्टेच्यू ऑफ यूनिटी से भी ऊँची होगी। इसके निर्माण के लिए सीएसआर फंड की भी मदद ली जाएगी। बता दें कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा गुजरात में स्थित है। इसकी ऊँचाई 182 मीटर (597 फीट) है। भगवान राम की मूर्ति इससे भी ऊँची होगी। उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपए का अनुमोदन पहले ही किया गया था।