अपने दादा के नाम पर अली जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण में 26 किसानों की 5 हेक्टेयर जमीन हड़पने के कारण चर्चा में आए भू माफिया आजम खान का विवादों से गहरा सम्बन्ध रहा है। भू माफिया आजम खान समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से मौजूदा सांसद हैं। जनसत्ता की एक रिपोर्ट के अनुसार, भू माफिया आजम खान ने अखिलेश सरकार में सैफई महोत्सव की तर्ज पर रामपुर महोत्सव का आयोजन किया था।
जश्न-ए-जौहर
इस महोत्स्व के दौरान भी वो विवादों के घेरे में आए थे। दरअसल, उस वक्त भी एक विवाद उछला था, जब आजम खान ने रामपुर महोत्सव का नाम बदलकर जश्न-ए-जौहर कर दिया था। इस समारोह का स्थान उन्होंने अपने निजी विश्वविद्यालय में रखा था। खास बात यह है कि उस समारोह का पूरा इंतजाम जिला प्रशासन ने किया था। राज्य सरकार की तरफ से इसके लिए 58 लाख रुपए आवंटित किए गए थे, जो कि सैफई महोत्सव से 10 लाख ज्यादा थे। तब आरोप लगे थे कि अखिलेश सरकार आजम खान के सामने नतमस्तक है और उन्होंने ही इसकी सारी तैयारियाँ करवाई हैं।
आजम खान को रामपुर जिला प्रशासन ने उन्हें भू-माफिया घोषित किया है और इस सम्बन्ध में उनका नाम एंटी भू माफिया पोर्टल पर जमीन कब्जाने वालों की सूची में डाल दिया गया है। आजम खान के खिलाफ ये मामला जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ है। पीड़ित लोगों का आरोप है कि आजम खान ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए जौहर विश्वविद्यालय के लिए जमीन हथिया ली। जौहर विश्वविद्यालय के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के शासन में भी इस तरह के आरोप लगे थे। लेकिन सरकार में होने के बावजूद उन पर कभी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।
भू माफिया आजम खान पर पिछले एक महीने में 13 मामले दर्ज किए गए हैं। उनके खिलाफ अलग-अलग केसों में 30 मुकदमे चल रहे हैं।