Monday, December 23, 2024
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हाथ छोड़ साइकिल के साथ राज्यसभा के लिए निकले कपिल सिब्बल, नेटिजन्स बोले- आजम खान की पैरवी का मिला नजराना

''मुझे खुशी है कि मैं राज्यसभा का निर्दलीय उम्मीदवार बनने जा रहा हूँ। मैं हमेशा इस देश में स्वतंत्र आवाज बनना चाहता था। मुझे खुशी है कि अखिलेश यादव ने इसे समझा।"

कॉन्ग्रेस में लंबे समय से बगावती सुर बुलंद करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसका खुलासा उन्होंने आज (25 मई, 2022) को समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने के बाद किया है। नामांकन के बाद पत्रकारों से बातचीत में कॉन्ग्रेस के बागी गुट G-23 के सदस्य कपिल सिब्बल ने खुलासा किया कि उन्होंने 16 मई को ही कॉन्ग्रेस से त्यागपत्र दे दिया था

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कपिल सिब्बल ने राज्यसभा में नामांकन के बाद सभी दलों के समर्थन का दावा किया है। वहीं इस्तीफे की वजह बताते हुए सिब्बल ने कहा, ”हम विपक्ष में रहकर एक गठबंधन बनाना चाहते हैं ताकि मोदी सरकार का विरोध कर सकें। हम चाहते हैं कि 2024 में ऐसा माहौल बने हिन्दुस्तान में कि मोदी सरकार की जो खामियाँ हैं वह जनता तक पहुँचाई जाएँ। मैं खुद इसका प्रयास करूँगा।”

कपिल सिब्बल के नामांकन पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “आज कपिल सिब्बल ने राज्यसभा के लिए नामांकन किया है। वो समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा में जा रहे हैं। पहला नामांकन हुआ है। पार्टी की तरफ से दो और जा सकते हैं, बहुत जल्द उनका भी नामांकन हो जाएगा।”

हालाँकि, राजनीतिक हलकों से लेकर सोशल मीडिया में इसे कपिल सिब्बल द्वारा सपा की मदद का ईनाम माना जा रहा है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव ने इसी बहाने पार्टी में चल रही कलह पर भी लगाम लगाने की कोशिश की है।

बता दें कि कपिल सिब्बल ने सपा नेता आज़म ख़ान का मामला अदालत में लड़ा और आखिरकार उन्हें बेल पर आज़ाद करा लिया। वहीं कहा जा रहा है कि नाराज़ चल रहे आज़म खान को सिब्बल के ज़रिए बड़ी आसानी से साधा जा सकता है। आज़म खान ने कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजे जाने का स्वागत भी किया है।

यही नहीं, चुनाव आयोग में भी पार्टी सिंबल के मामले में कपिल सिब्बल ने अखिलेश यादव के पक्ष में पैरवी कर उन्हें जीत दिलाई थी। वहीं सिब्बल कुछ अन्य मामलों में भी सपा के कई नेताओं के साथ मुलायम सिंह यादव के लिए भी मुक़दमे लड़ चुके हैं।

जहाँ एक तरफ इस बात का शोर है कि अखिलेश यादव ने कॉन्ग्रेस नेता को आज़म खान का वकील होने का ईनाम दिया है। वहीं अखिलेश यादव राज्यसभा चुनाव को पार्टी की अंदरूनी राजनीति को खत्म करने का जरिया बनाने का प्रयास करते दिख रहे हैं। आजम खान 27 माह बाद सीतापुर जेल से बाहर निकले हैं। कोर्ट में उनकी पैरवी पूर्व केंद्रीय मंत्री और मशहूर वकील कपिल सिब्बल ने की है। ऐसे में कपिल सिब्बल को पार्टी की ओर से आजम खान को मनाने की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

बता दें कि कपिल सिब्बल ने आज़म खान के समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया। सिब्बल ने कहा, ”मुझे खुशी है कि मैं राज्यसभा का निर्दलीय उम्मीदवार बनने जा रहा हूँ। मैं हमेशा इस देश में स्वतंत्र आवाज बनना चाहता था। मुझे खुशी है कि अखिलेश यादव ने इसे समझा। हम पार्टी का सदस्य होने पर उसके अनुशासन से बंध जाते हैं।”

वहीं सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। मिहिर झा ने लिखा, “आज़म खान: कपिल सिब्बल ने जमानत दिलाकर हक अदा किया, उनको फीस देने की हमारी हैसियत नहीं” 25th May: “सिब्बल को समाजवादी पार्टी ने राज्य सभा भेजा। इसी ट्वीट में उन्होंने यह भी लिखा कि राज्यसभा के सीट के लिए कितना पड़ा, कपिल सिब्बल की फीस से भी कम?”

कपिल सिब्बल के नामांकन पर यहाँ कुछ दूसरे सोशल मीडिया रिएक्शन भी देख सकते हैं।

गौरतलब है कि राज्यसभा की 11 सीटों पर इस बार चुनाव होना है। विधानसभा में सदस्यों की संख्या के आधार पर देखा जाए तो इन 11 सीटों में से भाजपा 7 और समाजवादी पार्टी 3 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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