प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गरीब और सुविधाओं से वंचित रहने वाले सामान्य वर्ग को शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में दिया जाने वाला आरक्षण का फैसला अभी आया ही है, कि सभी विरोधी पार्टियों में हड़कंप मच गया है।
ज़ी न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म ख़ान ने डिमांड की है कि 10 प्रतिशत सवर्णों को मिलने वाले आरक्षण में से 5 प्रतिशत समुदाय विशेष के लिए आरक्षण होना चाहिए।
रिपोर्टों के अनुसार विवादस्पद बयानों के लिए पहचाने जाने वाले आजम ख़ान ने प्रधानमंत्री मोदी से नई आरक्षण पॉलिसी पर सवाल किया है और साथ में बयान दिया है कि हाल ही में हुए चुनावों में ‘भारी हार’ के बाद BJP ने अपने हित में इस नई आरक्षण नीति को लेकर आए हैं। आजम ख़ान ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया है कि 10 प्रतिशत मिलने वाले सवर्णों को आरक्षण में समुदाय के लिए कितना कोटा आरक्षित है।
“अगर देश की दूसरी सबसे ज़्यादा आबादी वाली जनसंख्या के लिए इस नई आरक्षण की नीति में किसी प्रकार का कोई विचार नहीं है तो इस आरक्षण का आखिर मतलब ही क्या है?” आज़म ख़ान के अनुसार एक बार फिर चुनावों के दौरान साम्प्रादायिकता का खेल खेला गया है। उनका कहना है कि ये कोई मास्टरस्ट्रोक नहीं है, उन्होंने सिर्फ माँग की है कि उन्हें भी 5 प्रतिशत आरक्षण की तरज़ीह दी जानी चाहिए।
आज़म ख़ान का कहना है कि समुदाय को आरक्षण पहले ही दे दिया जाना चाहिए था। हालाँकि, ये बहुत देर हो गई है कि उनके लिए आगे आरक्षण का प्रस्ताव रखा जाए। गौरतलब है, कि इसके अलावा उनका ये भी बयान आ चुका है कि समुदाय को अनूसुचित जाति की सूची में रख देना चाहिए क्योंकि हमारे देश में दूसरे समुदाय के हालात अच्छे नहीं हैं।