महाराष्ट्र में अजान और हनुमान चालीसा का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इसी बीच राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने 3 मई को अक्षय तृतीया के अवसर पर राज्य भर के अपने स्थानीय मंदिरों में ‘महा आरती’ करने का ऐलान किया है। मनसे नेता नितिन सरदेसाई ने कहा कि MNS के कार्यकर्ता 3 मई को अक्षय तृतीया के अवसर पर राज्य भर के स्थानीय मंदिरों में महाआरती करेंगे। मनसे ने दावा किया है कि ये आरती लाउडस्पीकर से की जाएगी।
इससे पहले महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वाल्से पाटिल ने कहा था कि एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, महाविकास अघाड़ी सरकार ने राज्य के सभी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए पुलिस की अनुमति अनिवार्य कर दी है। उन्होंने कहा कि बिना अनुमति धार्मिक स्थलों या धार्मिक समारोहों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि राज ठाकरे पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बैठक कर मस्जिद से लाउडस्पीकर हटाने के लिए तीन मई के अल्टीमेटम, औरंगाबाद में 1 मई को पार्टी की बैठक और जून में अयोध्या यात्रा के मुद्दों पर रणनीतिक चर्चा करेंगे।
डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में सार्वजनिक स्थानों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के मुद्दे पर मुंबई पुलिस के सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है कि मुंबई में करीब 72 फीसदी मस्जिदों ने सुबह की अजान को खुद ही बंद कर दिया है।
बता दें कि इससे पहले राज ठाकरे ने 17 अप्रैल को अपने बयान में कहा था कि हम महाराष्ट्र में दंगे नहीं चाहते। नमाज अदा करने का किसी ने विरोध नहीं किया। लेकिन अगर आप (मुस्लिम) लाउडस्पीकर पर अजान करते हैं, तो हमलोग भी इसके लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करेंगे। मुस्लिमों को समझना चाहिए कि धर्म कानून से बड़ा नहीं है। 3 मई के बाद, मैं देखूँगा कि क्या करना है? गौरतलब है कि कभी मुस्लिमों और अज़ान के विरोध में बाल ठाकरे ने भी यही तरीका अपनाया था। जिसे आज मनसे दोहरा रही है।