पश्चिम बंगाल का जाधवपुर विश्वविद्यालय अपनी शैक्षणिक गतिविधियों से कम, परिसर में पल रहे वामपंथी छात्र संगठन की करतूतों से ज्यादा सुर्खियों में रहता है। शुक्रवार को एक बार फिर इसकी झलक तब दिखाई पड़ी जब केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के साथ ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के छात्रों ने धक्का-मुक्की की।
केंद्रीय मंत्री को बचाने के लिए राज्यपाल जगदीप धनखड़ को खुद विश्वविद्यालय पहुॅंचना पड़ा। बताया जाता है कि राज्यपाल, जो विश्वविद्यालय के चांसलर भी हैं, वे भी विरोध के कारण काफी देर तक परिसर में नहीं प्रवेश कर सके। राज्यपाल ने जब परिसर से बाबुल सुप्रियो के साथ निकलने की कोशिश की तो भी उन्हें छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा।
Kolkata: West Bengal Governor Jagdeep Dhankhar took Union Minister Babul Supriyo in his car from Jadhavpur University campus. Supriyo had gone there to attend an event organised by ABVP where he faced protest by SFI & AISA members who were opposing his visit. pic.twitter.com/r2gS1gm9Vs
— ANI (@ANI) September 19, 2019
जाधवपुर वही विश्वविद्यालय है जहॉं के छात्रों ने फरवरी 2016 में राष्ट्रविरोधी नारे लगे थे। जेएनयू में उससे कुछ दिन पहले ही इस तरह की घटना हुई थी। जाधवपुर के वामपंथी छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं ने रैली निकाल कर ‘कश्मीर मॉंगे आजादी, अफजल बोले आजादी’ जैसे नारे लगाए गए थे। ऐसा आरएसएस और भाजपा के विरोध तथा अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर किया गया था।
WATCH: Anti-national slogans raised at a protest march organized by students of Jadavpur University in Kolkata.https://t.co/2qdni8QiNN
— ANI (@ANI) February 16, 2016
उससे पहले 2014 में 5 नवंबर को यहॉं के छात्रों ने ‘किस ऑफ लव’ रैली निकाली थी। परिसर से करीब 500 मीटर दूर जाधवपुर थाने के सामने एक-दूसरे का सरेआम चुंबन लेकर उन्होंने अपना विरोध जताया था। इस दौरान ‘संघी गुंडे होशियार, तेरे सामने करेंगे प्यार’ जैसे नारे लगाए गए थे।
शुक्रवार को जब बाबुल सुप्रियो के साथ धक्का-मुक्की की गई तब वे एबीवीपी की ओर से आयोजित एक सेमिनार को संबोधित करने के लिए विश्वविद्यालय पहुॅंचे थे। बकौल सुप्रियो, “विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने मेरे बाल खींचे और मुझे धक्का दिया।” बताया जाता है कि विरोध के दौरान केंद्रीय मंत्री पर बोतल फेंकी गई और उनके चश्मे को भी तोड़ दिया गया। बाबुल सुप्रियो ने वाइस चांसलर से पुलिस को बुलाने को भी कहा, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया।
ये कुछ भी करले उकसा मुझे पाएंगे नहीं।
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) September 19, 2019
लोकतंत्र को जीवंत बनाए रखने में विपक्ष की भूमिका सत्ताधारी दल की तरह ही काफी अहम है, तथा मतभेदों को धैर्यपूर्वक सुनना भी आवश्यक है।
इस तरह का व्यवहार अनुचित तथा निन्दनीय है।@BJP4India @ABVPVoice @BJP4Bengal @KailashOnline @BJPLive pic.twitter.com/tTyYdql2WU
बाबुल सुप्रियो ने ट्वीट कर कहा है, “ये कुछ भी कर लें मुझे उकसा नहीं पाएँगे। लोकतंत्र को जीवंत बनाए रखने में विपक्ष की भूमिका सत्ताधारी दल की तरह ही काफी अहम है, तथा मतभेदों को धैर्यपूर्वक सुनना भी आवश्यक है। इस तरह का व्यवहार अनुचित और निन्दनीय है।”
West Bengal: Heavy security deployed outside Jadhavpur University in Kolkata, where Union Minister Babul Supriyo faced protest by Students' Federation of India (SFI) and AISA (All India Students Assn) who were opposing his visit to campus. He was there to attend an event of ABVP. pic.twitter.com/9YttqHexYN
— ANI (@ANI) September 19, 2019
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, राज्यपाल ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से इस बारे में बात की है। उन्होंने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से बात कर इस मामले में तुरंत कोई कदम नहीं उठाए जाने को लेकर भी नाराजगी जताई है।