Monday, December 23, 2024
Homeराजनीतिबंगाल: मदरसों पर ममता बनर्जी मेहरबान, मजहबी शिक्षा लेने को हिंदू बच्चे मजबूर

बंगाल: मदरसों पर ममता बनर्जी मेहरबान, मजहबी शिक्षा लेने को हिंदू बच्चे मजबूर

कई इलाकों में स्कूल नहीं होने की वजह से भी हिंदू छात्र मदरसे को तरजीह देते हैं, या फिर यूँ कहें कि वो मदरसे में जाने के लिए मजबूर हैं। मदरसों के छात्रों को सरकार स्कॉलरशिप भी दे रही है। ऐसे में बीरभूम, बर्धवान और बांकुड़ा जिले में गैर-मुस्लिम छात्रों और अभिभावकों में इन मदरसों के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है।

पश्चिम बंगाल में इस बार 70 हजार छात्र मदरसा बोर्ड की परीक्षा में बैठने वाले हैं। इसमें से करीब 18% छात्र हिंदू हैं। पश्चिम बंगाल मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष अबू ताहेर कमरुद्दीन ने बताया कि 2019 में मदरसा बोर्ड की परीक्षा में 12.77% फीसदी हिंदू छात्र शामिल हुए थे। पिछले कुछ सालों से मदरसे में हिंदू छात्रों की संख्या में हर साल 2-3 फीसदी का इजाफा हो रहा है। राज्य के पुरुलिया, बीरभूम और बांकुड़ा में चार बड़े-बड़े मदरसे हैं और हैरत की बात है कि यहाँ तो गैर मुस्लिम छात्रों की संख्या मुस्लिमों से ज्यादा है।

जानकारी के मुताबिक राज्य में सरकारी सहायता प्राप्त 6,000 से ज्यादा मदरसे हैं। मदरसे मजहबी तालीम के केंद्र हैं। अमूमन इसमें मुस्लिम समुदाय के बच्चे ही पढ़ते हैं। लेकिन, बंगाल में हिंदू बच्चों की तादाद भी अच्छी-खासी है और वह साल दर साल आश्चर्यजनक तौर पर बढ़ रही है। अब सवाल उठता है कि आखिर इसके पीछे वजह क्या है?

राज्य में 600 मदरसे हैं, जिसे ममता बनर्जी सरकारी फंड देती हैं। वे किसी भी उद्योग से अधिक मदरसों पर खर्च करती हैं, जबकि स्कूलों के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। उनकी दोयम दर्जे की राजनीति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल उनकी सरकार ने मदरसों के विकास के लिए 4,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया था, जबकि राज्य के पूरे उच्च शिक्षा सेट-अप के लिए 3,964 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। इतनी मेहरबानी मुस्लिम वोट बैंक पर पकड़ मजबूत करने के लिए की जा रही है। ऐसे में हिंदू छात्र मदरसा जाने के लिए मजबूर न हो तो और क्या करें? 

इसके अलावा कई इलाकों में स्कूल नहीं होने की वजह से भी हिंदू छात्र मदरसे को तरजीह देते हैं, या फिर यूँ कहें कि वो मदरसे में जाने के लिए मजबूर हैं। मदरसों के छात्रों को सरकार स्कॉलरशिप भी दे रही है। ऐसे में बीरभूम, बर्धवान और बांकुड़ा जिले में गैर-मुस्लिम छात्रों और अभिभावकों में इन मदरसों के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है।

लेकिन, मुस्लिम वोट बैंक को पनाह देने की नीति से धीरे-धीरे पश्चिम बंगाल मिनी इस्लामिक राज्य बनाने की दिशा में अग्रसर है। मदरसे में भारी फंडिंग करके वहाँ के मुल्लाओं को खुश करने की कोशिश की जा रही है और इसकी वजह से वहाँ के हिंदू दूसरे दर्जे का नागरिक बनकर रह गए हैं।

ममता के बंगाल में सरस्वती पूजा को लेकर हिन्दू छात्रों को पीटा गया, शिक्षक ने टॉयलेट में छिपकर बचाई जान

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

केरल के सरकारी स्कूल में मन रहा था क्रिसमस, हिंदू कार्यकर्ताओं ने पूछा- जन्माष्टमी क्यों नहीं मनाते: टीचरों ने लगाया अभद्रता का आरोप, पुलिस...

केरल के एक सरकारी स्कूल में क्रिसमस मनाए जाने पर कुछ हिन्दू कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए। इसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

जिन 3 खालिस्तानी आतंकियों ने गुरदासपुर पुलिस चौकी पर फेंके थे ग्रेनेड, उनका UP के पीलीभीत में एनकाउंटर: 2 एके-47 के साथ ग्रोक पिस्टल...

इस ऑपरेशन को यूपी और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया। मारे गए आतंकियों की पहचान गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह के रूप में हुई है।
- विज्ञापन -