शिरोमणि अकाली दल (SAD) के सांसद सिमरनजीत सिंह मान द्वारा भगत सिंह को ‘आतंकवादी’ कहने के बाद कड़ा विरोध जताया जा रहा है। पंजाब सरकार में मंत्री गुरमीत सिंह मीत ने संगरूर सांसद से अपने बयान पर बिना शर्त माफ़ी माँगने को कहा है। भगत सिंह के त्याग को सर्वोच्च बलिदान बताते हुए भगवंत मान सरकार द्वारा उन्हें शहीद का दर्ज देने का भी एलान किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह ने कहा, “शिरोमणि अकाली दल के सांसद ने उन भगत सिंह के बलिदान का अपमान किया है, जिन्होंने देश के लिए खुद को कुर्बान कर दिया। भगत सिंह मेरे भी आदर्श हैं। भगत सिंह के साथ राजगुरु और सुखदेव का भी बलिदान पूरे देश के युवाओं को गर्व की अनुभूति करवाता है।”
ਸ਼ਹੀਦ -ਏ-ਆਜ਼ਮ ਸਰਦਾਰ ਭਗਤ ਸਿੰਘ ਸਾਡੇ ਨੌਜਵਾਨਾਂ ਦੇ ਰੋਲ ਮਾਡਲ ਹਨ । ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਕੁਰਬਾਨੀ ਬੇਮਿਸਾਲ ਹੈ । ਸਾਨੂੰ ਸਭ ਨੂੰ ਉਹਨਾਂ ਤੇ ਫ਼ਖਰ ਹੈ । ਸ਼ਹੀਦ ਭਗਤ ਸਿੰਘ ਨੂੰ ਦਹਿਸ਼ਤਗਰਦ ਕਹਿਣਾ ਸ਼ਰਮਨਾਕ ਅਤੇ ਕਰੋੜਾਂ ਭਾਰਤੀਆਂ ਤੇ ਪੰਜਾਬੀਆਂ ਦੀਆਂ ਭਾਵਨਾਂਵਾਂ ਨੂੰ ਸੱਟ ਮਾਰਨਾਂ ਹੈ । #ShaheedBhagatSingh
— Gurmeet Singh Meet Hayer (@meet_hayer) July 15, 2022
इसी बयान में मंत्री गुरमीत ने आगे कहा, “मैं स्पष्ट करता हूँ कि हमारी सरकार सरदार भगत सिंह को शहीद का दर्ज देगी। अगर जरूरत पड़ी तो हम शिरोमणि अकाली दल के सांसद के इस बेहद अपमानजनक और आपत्तिजनक बयान पर कानूनी कार्रवाई भी करवाएँगे।”
शिरोमणि अकाली दल के सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने 14 जुलाई (गुरुवार) को यह बयान दिया था। उनके बयान का खुद उनकी ही पार्टी में विरोध हो रहा है। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपनी ही पार्टी के इस सांसद के बयान की आलोचना की है।
It is strange that @SimranjitSADA is speaking the language of #IndiraGandhi who tried to tarnish the image of Sikhs by calling our heroes as terrorist.
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) July 15, 2022
गौरतलब है कि अकाली दल के सांसद सिमरनजीत सिंह हरियाणा के करनाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेस में हिस्सा ले रहे थे। इस दौरान एक पत्रकार ने सवाल किया कि देश के लिए बलिदान हुए भगत सिंह को इतिहास में आतंकी क्यों कहा जाता है? इसका जवाब देते हुए सांसद ने कहा, “भगत सिंह ने न सिर्फ जवान अंग्रेज अफसर की हत्या की थी बल्कि उसी के साथ उन्होंने एक अमृतधारी सिख सिपाही चन्नन सिंह को भी मार डाला था। बाद में उन्होंने संसद में बम फेंका। आप ही बताओ वो आतंकी हुए या नहीं?”
सांसद सिमरनजीत सिंह और खालिस्तान
सिमरनजीत सिंह मान की प्रोफाइल देखें तो पता चलेगा कि वो हमेशा से खालिस्तानी समर्थक रहे हैं। ऑपरेशन ब्लू स्टार के कारण उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़ दी थी। इतना ही नहीं उनकी पार्टी के ऊपर ब्लू स्टार की बरसी पर स्वर्ण मंदिर में खालिस्तानी नारे लगाने के इल्जाम भी लगते रहे हैं। उनके कई सोशल मीडिया पोस्ट में खुलेआम खालिस्तान की माँग की गई है।
एक सोशल मीडियो पोस्ट में तो सांसद सिमरनजीत ने ये भी दिखाने का प्रयास किया कि हिंदू राष्ट्र में सिखों के हाल बुरे हैं। उन्होंने कहा था कि हिंदुओं को लगता है कि वह सिखों को मशीन गन से डरा देंगे और इससे वह खालिस्तान की माँग नहीं करेंगे। लोकसभा उपचुनावों में संगरूर से जीत हासिल करने के बाद सांसद सिमरनजीत ने कहा था कि ये खालिस्तानी जरनैल सिंह भिंडरावाले की दी गई सीख की जीत है।