NDTV की पूर्व एंकर निधि राजदान के ‘हार्वर्ड काण्ड’ के बाद अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) एक बार फिर ख़बरों में है। आजाद समाज पार्टी प्रमुख और भीम आर्मी संस्थापक चन्द्र शेखर आज़ाद उर्फ़ ‘रावण’ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वार्षिक आल इंडिया कॉन्फ्रेंस में बतौर गेस्ट ‘एंटी कास्ट स्ट्रगल’ (Anti Caste Struggle) पर व्याख्यान देने जा रहे हैं।
अपने आधिकारिक ट्विटर पेज पर इसकी जानकारी देते हुए ‘भीम आर्मी’ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुजनों का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपने नेता चंद्रशेखर को दिली बधाई भी दी है। चंद्रशेखर का हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में यह कार्यक्रम फरवरी 21, 2021की शाम रखा गया है।
भीम आर्मी चीफ मा. चंद्रशेखर आजाद जी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में Anti Caste Struggle in India विषय पर अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित किया गया है।
— भीम आर्मी भारत एकता मिशन (@Bhimarmy_BEM) January 18, 2021
आप 21 फरवरी 2021, 09PM IST पर लाइव रहेंगे। आप सभी लोग उनकी बातों को जरूर सुनें। @BhimArmyChief pic.twitter.com/M8XVNZqACK
गौरतलब है कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी कुछ ही दिन पहले से चर्चा का विषय बनी हुई है। इक्कीस वर्षों तक प्रोपेगेंडा समाचार चैनल एनडीटीवी की एंकर रही निधि राजदान ने अपने ट्विटर अकाउंट से खुलासा किया कि उनके साथ ‘साइबर फ्रॉड’ हुआ।
निधि राजदान ने लिखा कि जून, 2020 में ट्विटर पर घोषणा की थी कि उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) में असोसिएट प्रफेसर की जॉब मिल गई है, जिस कारण उन्होंने पत्रकारिता के अपने 21 साल के करियर को अलविदा कह दिया। लेकिन कुछ ही दिन पहले उन्हें आभास हुआ कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की यह हायरिंग बस एक फिशिंग हमले का हिस्सा था।
उन्होंने बताया कि वह ज्वाइनिंग का समय पहले सितंबर 2020 मानकर चल रही थीं और अपनी नई जिम्मेदारियों को उठाने की तैयारी कर रही थीं। बाद में उन्हें कहा गया कि जनवरी 2021 में उनकी क्लास शुरू होगी। धीरे-धीरे उन्हें हर चीज इतना डिले होने पर असामान्य लगना शुरू हुआ। शुरूआत में वह महामारी के कारण सब चीजों को नजर अंदाज करती रहीं लेकिन हाल ही में उन्हें इन चीजों को लेकर शक गहराया और उन्होंने यूनिवर्सिटी के शीर्ष प्रशासन से संपर्क किया।
बाद में यूनिवर्सिटी के अनुरोध पर निधि की ओर से हर वह प्रमाण पेश किए गए जिसे देख वह सोच रहीं थीं कि उन्हें यह सब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से मिल रहा है। आखिर में उन्हें पता चला कि वास्तविकता में हार्वर्ड ने उन्हें प्रोफेसर बनने के लिए कोई ऑफर भेजा ही नहीं बल्कि वह तो एक तरह के ऑनलाइन हमले का शिकार हुईं।