भोपाल सीट से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा गोडसे को देशभक्त कहे जाने वाले बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान बर्दाश्त से बाहर है और भारतीय जनता पार्टी को उन्हें पार्टी से बाहर करने पर विचार करना चाहिए। हालाँकि, नीतीश कुमार ने कहा कि यह मामला बीजेपी का अंदरूनी मामला है इस पर पार्टी ही कोई निर्णय ले सकती है।
ख़बर के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से साध्वी के गोडसे वाले बयान पर प्रतिक्रिया पूछी गई तो उन्होंने कहा, “ये सब हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। बीजेपी को उन्हें बाहर निकालने पर ज़रूर विचार करना चाहिए। ये बीजेपी का अंदरूनी मामला है। एक्शन लेना पार्टी का काम है।हम अपराध, भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता से बिल्कुल भी समझौता नहीं कर सकते। हमारी राय स्पष्ट है।”
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के इस बयान पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पूरी तरह से नाराज़ नज़र आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साध्वी के इस बयान पर कड़ी निंदा व्यक्त की थी। उन्होंने सख़्त लहज़े का इस्तेमाल करते हुए कहा, “गाँधी जी या गोडसे के बारे में जो बयान दिए गए वो बहुत वह ख़राब हैं।ये अलग बात है कि उन्होंने माफ़ी माँग ली, लेकिन मैं उन्हें मन से कभी माफ़ नहीं कर पाऊँगा।”
गांधी जी या गोडसे के बारे में जो बयान दिए गए हैं वो बहुत ख़राब है और समाज के लिए बहुत गलत हैं।
— BJP (@BJP4India) May 17, 2019
ये अलग बात है की उन्होंने माफ़ी मांग ली, लेकिन मैं उन्हें मन से कभी माफ़ नहीं कर पाऊंगा: पीएम मोदी #DeshKaGauravModi
इससे पहले, रविवार (मई 19, 2019) को होने वाले आखिरी चरण के मतदान से पहले भाजपा नेताओं की तरफ से गोडसे पर दिए गए बयान से पार्टी ने किनारा कर लिया था और साथ ही नोटिस भी भेजा था। इन नेताओं में भोपाल संसदीय सीट से प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा, केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े और सांसद नलीन कतील का नाम शामिल था। इन तीनों नेताओं ने गोडसे को लेकर विवादित बयान दिया था।
विगत 2 दिनों में श्री अनंतकुमार हेगड़े, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और श्री नलीन कटील के जो बयान आये हैं वो उनके निजी बयान हैं, उन बयानों से भारतीय जनता पार्टी का कोई संबंध नहीं है।
— Chowkidar Amit Shah (@AmitShah) May 17, 2019
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने खुद अपने ट्विटर हैंडल से ये जानकारी दी गई थी कि नेताओं के बयानों को अनुशासन समिति के पास भेजा गया और उन्हें दस दिन दिनों के भीतर जवाब देना है। इस मामले में उन्होंने शुक्रवार (मई 17, 2019) को तीन ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि विगत 2 दिनों में अनंतकुमार हेगड़े, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और नलीन कटील के जो बयान आए हैं, वो उनके निजी बयान हैं, उन बयानों से भारतीय जनता पार्टी का कोई संबंध नहीं है।
इन लोगों ने अपने बयान वापिस लिए हैं और माफ़ी भी मांगी है। फिर भी सार्वजनिक जीवन तथा भारतीय जनता पार्टी की गरिमा और विचारधारा के विपरीत इन बयानों को पार्टी ने गंभीरता से लेकर तीनों बयानों को अनुशासन समिति को भेजने का निर्णय किया है।
— Chowkidar Amit Shah (@AmitShah) May 17, 2019
दरअसल, प्रज्ञा ठाकुर ने विवादित बयान देते हुए महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार दिया था। उन्होंने कहा था कि वो देशभक्त थे, देशभक्त हैं और देशभक्त रहेंगे। हालाँकि प्रज्ञा ने अपने इस बयान के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी माँग ली थी। वहीं, अनंत हेगड़ ने भी अपने ट्वीट के लिए माफी माँगते हुए कहा कि उनका ट्विटर अकाउंट हैक हो गया था। उन्होंने कहा कि गाँधी के हत्यारे के लिए कोई सहानुभूति नहीं हो सकती।
इससे पहले हेगड़े के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट हुआ था कि गोडसे के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है और माफी माँगने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही नलिन कतील ने भी अपने के लिए माफी माँगी है। उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की तुलना गोडसे से करते हुए ट्वीट किया था, “गोडसे ने एक को मारा, कसाब ने 72 को मारा लेकिन राजीव गाँधी ने 17000 को मारा। अब आप खुद तय कर लो कि कौन ज्यादा क्रूर है।” नेताओं के माफी माँगने के बाद भी पार्टी ने इसे गंभीरता से लिया है। गौरतलब है कि कमल के हासन के द्वारा गोडसे को पहला हिन्दू आतंकवादी बताने के बाद से ही इस पर सियासी बवाल मचा हुआ है।