बिहार में राजनीतिक ड्रामा अपने चरम पर है। कहा जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज शनिवार (27 जनवरी 2024) को कभी भी अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। वहीं, राजद के नेता एवं बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि वे बिहार में आसानी से तख्ता पलट नहीं होने देंगे। उधर, विधायकों को टूट के आसार के बीच कॉन्ग्रेस के 13 विधायकों के मोबाइल बंद हैं।
मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार कभी महागठबंधन से औपचारिक नाता तोड़ सकते हैं। वहीं, राजद ने राजभवन में अपने सरकार के समर्थन में विधायकों की परेड कराने की बात कही है। इसको लेकर राजभवन के सामने बैरेकेडिंग शुरू कर दी गई है। इसके अलावा, जदयू, राजद और भाजपा ने अपने-अपने नेताओं के साथ आज बैठक रखी है।
उधर, नीतीश कुमार बक्सर जिले के ब्रह्मपुर में भगवान शिव के मंदिर के विकास के लिए शिलान्यास कार्यक्रम में पहुँचे हैं। वहाँ लगाए गए पोस्टर में तेजस्वी की तस्वीर भी नदारद है। इससे पहले शुक्रवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में तेजस्वी यादव अनुपस्थित रहे थे। इसके बाद एक कुर्सी पर तेजस्वी के नाम की लगी पर्ची को हटाकर अशोक चौधरी बैठ गए थे।
सरकार गिरने की आशंका के बीच RJD कोटे के मंत्रियों ने अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और अपने विभागीय कामों को जल्दी-जल्दी निपटाने में लगे हैं। हालाँकि, मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने नीतीश कैबिनेट में राजद कोटे के मंत्रियों के विभाग के किसी भी फाइल पर किसी भी तरह के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
उधर, कॉन्ग्रेस के विधायकों में भी फूट की खबर आ रही है। हालाँकि, कॉन्ग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने इन खबर को पूरी तरह गलत बताया है। उन्होंने कहा, “हमारे विधायक पार्टी के साथ चट्टानी एकता के साथ खड़े हैं। कॉन्ग्रेस विधायकों में फूट की खबर सूरज के पश्चिम में उगने की तरह है। इससे पहले खबर आई थी कि कॉन्ग्रेस के 13 विधायकों के मोबाइल फोन स्वीच ऑफ हैं।
बिहार कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने बीती रात हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतनराम माँझी से गोपनीय मुलाकात की थी। सूत्रों ने हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि उन्हें महागठबंधन में शामिल होने पर उपमुख्यमंत्री पद और दो मंत्री पद देने का प्रस्ताव दिया गया है। अखिलेश ने माँझी के सामने नीतीश द्वारा विधानसभा में उनके अपमान का भी मुद्दा उठाया।
अखिलेश सिंह ने दावा किया कि भाजपा के 20 विधायक उनके संपर्क में हैं। वहीं, जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि बिहार के विकास के लिए पीएम मोदी और सीएम नीतीश की जोड़ी जरूरी है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को राजद के साथ काम करने की आजादी नहीं थी, इसलिए वो भाजपा के साथ आ रहे हैं। उन्होंने इस बार के गठबंधन को स्थाई बताया।
उधर, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने दावा किया कि बहुमत का आँकड़ा उनके पास है। उन्होंने कहा, “बिहार में हम सबसे बड़ी पार्टी हैं और आज राजद विधायक दल की बैठक में फैसला लिया जाएगा।” मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आरजेडी आज अपने विधायकों को राज्यपाल के सामने परेड करा सकती है।