उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में होने हैं लेकिन फिलहाल राज्य में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव पूरे रोमांच के साथ चल रहा है। राज्य के 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख शनिवार (26 जून) बीत चुकी है और मतदान 3 जुलाई को कराया जाएगा लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा के 17 उम्मीदवारों का चुना जाना लगभग तय हो चुका है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में कुल 18 ऐसे जिले हैं जहाँ जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए मात्र एक ही प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल किया है। शनिवार (26 जून) को नामांकन की आखिरी तारीख थी। इसके अलावा नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 29 जून है, ऐसे में यूपी का राज्य निर्वाचन आयोग इन 18 प्रत्याशियों को निर्विरोध विजयी घोषित कर देगा। इन 18 प्रत्याशियों में से 17 प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हैं जबकि 1 प्रत्याशी समाजवादी पार्टी का है।
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार जिन 18 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन निश्चित है, उनमें मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, अमरोहा, मुरादाबाद, आगरा, इटावा, ललितपुर, झाँसी, बांदा, चित्रकूट, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, बुलंदशहर, वाराणसी व मऊ शामिल हैं। इनमें से सिर्फ इटावा में ही सपा के प्रत्याशी निर्विरोध चुने जाएँगे। यहाँ से यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चचेरे भाई अभिषेक यादव के खिलाफ किसी ने भी अपना नामांकन दाखिल नहीं किया है।
भाजपा के जिन प्रत्याशियों का निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुना जाना तय है, उनमें आगरा से मंजू भदौरिया, गाजियाबाद से ममता त्यागी, मुरादाबाद से डॉ. शेफाली सिंह, बुलंदशहर से डॉ. अंतुल तेवतिया, ललितपुर से कैलाश निरंजन, मऊ से मनोज राय, चित्रकूट से अशोक जाटव, गौतमबुद्ध नगर से अमित चौधरी, श्रावस्ती से दद्दन मिश्रा, गोरखपुर से साधना सिंह, बलरामपुर से आरती तिवारी, झांसी से पवन कुमार गौतम, गोंडा से घनश्याम मिश्रा, मेरठ से गौरव चौधरी, बांदा से सुनील पटेल, वाराणसी से पूनम मौर्या तथा अमरोहा से ललित तंवर शामिल हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए शनिवार तक 160 नामांकन दाखिल हुए जिनमें से 6 नामांकन खारिज कर दिए गए। हालाँकि जिन 18 सीटों पर प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय हो चुका है यदि उन्हें छोड़ दिया जाए तो अब शेष बची सीटों पर मुकाबला भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवारों के बीच ही है। ऐसा इसलिए क्योंकि बहुजन समाज पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए एक भी प्रत्याशी नहीं खड़ा किया है, वहीं दूसरी ओर कॉन्ग्रेस ने भी सिर्फ रायबरेली और जालौन में अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
नामांकन वापस लेने की तारीख 29 जून है जिसके बाद राज्य चुनाव आयोग 18 उम्मीदवारों को निर्विरोध विजयी घोषित कर देगा। इसके बाद शेष बची 57 सीटों के लिए चुनाव 3 जुलाई 2021 को संपन्न कराए जाएँगे जहाँ जिला पंचायत सदस्य, अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मतदान करेंगे।
उत्तर प्रदेश के इन चुनावों में सबसे अधिक चर्चा में है बलरामपुर से भाजपा प्रत्याशी आरती तिवारी। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा ने अपनी सबसे कम उम्र की प्रत्याशी आरती को मैदान में उतारा था। हालाँकि, 21 वर्षीय आरती के विरोध में किसी भी प्रत्याशी ने अपना नामांकन दाखिल नहीं किया, ऐसे में आरती का जिला पंचायत अध्यक्ष चुना जाना तय ही है। आरती बलरामपुर जिले के वार्ड नंबर 17 से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 8500 मतों से हराकर सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य चुनी गई थीं।