Sunday, November 17, 2024
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J&K पर जिसने उगला जहर, उसी से मिलने पहुँचा कॉन्ग्रेस प्रतिनिधिमंडल: आखिर पार्टी की मजबूरी क्या है?

"देश की जनता कॉन्ग्रेस पार्टी से सफाई चाहती है कि उनके नेताओं ने विदेशी नेताओं से क्या बात की है? देश की जनता कॉन्ग्रेस पार्टी को उनकी इस धोखेबाजी के लिए करारा जवाब देगी।"

भारत में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने का विरोध करने वाले ब्रिटिश संसद के नेता से मिलने गए कॉन्ग्रेस पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल की जमकर आलोचना हो रही है। ब्रिटेन के इस नेता का नाम जेरेमी कोर्बिन है, जिनकी राजनीति लेबर पार्टी से चलती है। हाल ही में कॉन्ग्रेस के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद कोर्बिन ने कश्मीर में मानवाधिकार का मुद्दा उठाया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कश्मीर क्षेत्र में तनाव कम करने की हर कोशिश को अपनाया जाना चाहिए।

मामला तब सुर्ख़ियों में आया जब ब्रिटिश नेता ने ट्विटर पर अपने एकाउंट से कॉन्ग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ अपनी तस्वीर पोस्ट कर उन्हें मानवाधिकार मुद्दों पर दोनों पक्षों की चर्चा की जानकारी दी। कोर्बिन द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर में कमल धालीवाल को साफ़ देखा जा सकता है, जो यूनाइटेड किंगडम में ओवरसीज़ कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष हैं।

यह मामला चर्चा का विषय तब बन गया जब भाजपा ने इसको लेकर कॉन्ग्रेस पर निशाना साधा। दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने कश्मीर पर दिए कोर्बिन के इस बयान को आड़े-हाथों लेते हुए घटना के बारे में ट्वीट कर कहा, “घटिया”। इसके आगे बीजेपी ने लिखा, “देश की जनता कॉन्ग्रेस पार्टी से सफाई चाहती है कि उनके नेताओं ने विदेशी नेताओं से क्या बात की है? देश की जनता कॉन्ग्रेस पार्टी को उनकी इस धोखेबाजी के लिए करारा जवाब देगी।”

वैसे कश्मीर और अनुच्छेद 370 के हटने पर कॉन्ग्रेस की राजनीति कोई पहला मामला नहीं है, जिस कारण से पार्टी देशहित के खिलाफ जाने की अपनी आदत के चलते निशाने पर आई हो। साल 2017 में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था, जब भारत-चीन सीमा पर डोकलाम विवाद हुआ था। इसके बाद सीमा पर तनाव के चलते दोनों देशों के संबंधों के बीच मतभेद गहरा गए थे मगर ऐसे माहौल में अचम्भा तब हुआ था, जब राहुल गाँधी के एक चीनी राजदूत से मिलने की खबर सामने आई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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