उत्तर प्रदेश के कैराना में दो बड़े राजनीतिक घराने हसन और सिंह कभी एक परिवार का हिस्सा हुआ करते थे। करीब 120 साल पहले की बात है। इनके एक पूर्वज ने इस्लाम मजहब को अपना लिया था, जिसके बाद से इस परिवार में हिंदू बनाम मुसलमान की लड़ाई शुरू हो गई थी। यह राजनीतिक लड़ाई इतने सालों के बाद भी जारी है।
बीजेपी ने शनिवार (15 जनवरी 2022) को यूपी चुनाव के लिए 107 उम्मीदवारों पहली लिस्ट जारी की थी, जिसमें उन्होंने कैराना से अपने उम्मीदवार के रूप में दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को टिकट दिया। वहीं, समाजवादी पार्टी ने इसी सीट से मौजूदा विधायक निशाद हसन को अपना उम्मीदवार बनाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 100 साल पहले सिंह और हसन एक ही परिवार का हिस्सा थे। इनके परिवार के मुखिया बाबा काल्सा थे। कैराना निवासी सुहैब अंसानी के अनुसार, कुछ साल पहले तक हुकुम सिंह को हिंदुओं और नाहिद के पिता मुनव्वर हसन को मुस्लिम विंग का नेता माना जाता था।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 1990 के दशक से इन परिवारों से लोग विधानसभा और लोकसभा का चुनाव भी लड़े हैं। दोनों परिवारों ने सालों तब लंबी राजनीतिक लड़ाई लड़ी है। अब यह राजनीतिक लड़ाई अगली पीढ़ी तक भी पहुँच गई है। मुनव्वर हसन के बेटे नाहिद ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में हुकुम सिंह की बेटी मृगांका को हराया था। इसके बाद 2018 के लोकसभा उपचुनाव में मृगांका को मुनव्वर हसन की बीवी तबस्सुम हसन ने हराया था।
बता दें कि शनिवार (15 जनवरी 2022) को उत्तर प्रदेश के कैराना से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नाहिद हसन को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने नाहिद को 14 दिन न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। नाहिद हसन के खिलाफ पुलिस में दो दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। लम्बे समय तक फरार रहने वाले नाहिद हसन ने जनवरी 2020 में अदालत में सरेंडर किया था। लगभग 1 माह से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद उसे जमानत मिली थी। फरवरी 2021 में उत्तर प्रदेश पुलिस ने नाहिद हसन, उसकी माँ पूर्व सांसद तबस्सुम और 38 अन्य लोगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी।