कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी अपनी छुट्टियों से लौटने के बाद अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाके में चीन द्वारा गाँव बसाने के दावे वाली खबर को शेयर करके मंगलवार (जनवरी 19, 2021) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन इस बीच उनका पूरा खेल उन्हीं पर उलटा पड़ गया और एक बार फिर सरेआम उनकी फजीहत हो गई।
हरिभूमि की एक खबर शेयर करते हुए राहुल गाँधी ने लिखा, “उनका वादा याद है- मैं देश नहीं झुकने दूँगा।” दिलचस्प बात यह है कि राहुल का यह ट्वीट ऐसे क्षेत्र को लेकर आया, जिस पर चीन ने नेहरू काल से कब्जा जमाया हुआ है।
उनकी इसी अज्ञानता के कारण ट्विटर पर यूजर तो उनका मजाक उड़ा ही रहे हैं। इसके अलावा भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने भी फ्रंट पर आकर राहुल गाँधी को आड़े हाथों लिया है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने राहुल का पलटवार करते हुए दावा किया कि जिस जगह पर चीन द्वारा गाँव बसा लेने की बात की जा रही है, वहाँ चीन ने कॉन्ग्रेस के शासनकाल में कब्जा किया था।
केंद्रीय मंत्री लिखते हैं, “अपने गिरेबान में भी झाँका करो कभी-कभी, किसी दूजे पर गर्द झाड़ देना आसां बहुत होता है! जिन लोकेशन्स का आप जिक्र कर रहे हैं उन पर चीन ने कॉन्ग्रेस के शासन काल में कब्जा किया था। एक राष्ट्रीय नेता संवेदनशील तथ्यों से इतना अनजान कैसे हो सकता है?”
अपने गिरेबान में भी झाँका करो कभी-कभी, किसी दूजे पर गर्द झाड़ देना आसां बहुत होता है!
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) January 19, 2021
Those locations you are referring to have been under Chinese occupation since very-very long Congress regime in India.
How can a national leader is ignorant and unaware of sensitive facts? https://t.co/9nH2DxevvG
उनके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी ट्विटर पर सिलसिलेवार कई सवाल राहुल गाँधी से पूछ डाले। उन्होंने कहा, “अब जब राहुल गाँधी अपनी मासिक छुट्टियों से लौट आए हैं तो मैं कुछ सवाल करना चाहता हूँ। मुझे उम्मीद है कि आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका जवाब देंगे।”
जेपी नड्डा ने लिखा, “राहुल गाँधी, उनका वंश और कॉन्ग्रेस चीन पर झूठ बोलना कब बंद करेंगे? क्या वह इस बात से इनकार कर सकते हैं कि हजारों किलोमीटर भूमि, यहाँ तक कि अरुणाचल प्रदेश की जिस भूमि का वो जिक्र कर रहे हैं, वह किसी और ने नहीं, बल्कि खुद पंडित नेहरू ने चीनियों को तोहफे में दी थी? बार-बार कॉन्ग्रेस चीन के आगे आत्मसमर्पण क्यों कर देती है?”
अगले ट्वीट में वह कहते हैं, “क्या राहुल गाँधी कॉन्ग्रेस पार्टी के चीन और उनकी कम्युनिस्ट पार्टी से हुए एमओयू को खारिज करने की नीयत रखते हैं? क्या वह उनके परिवार के नियंत्रण वाले ट्रस्टों को चीन से मिले दान को लौटाने का इरादा रखते हैं? या फिर उनकी नीतियाँ और हरकतें चीनी पैसे और एमओयू से चलती रहेंगी?”
नड्डा ने चीन के अलावा कई और मुद्दों पर राहुल गाँधी से सवाल पूछे। उन्होंने लिखा, “राहुल गाँधी ने कोरोना को लेकर देश को हतोत्साहित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आज जब भारत सबसे कम सक्रिय मामलों वाले देशों में है और हमारे वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बना ली है तो उन्होंने वैज्ञानिकों को बधाई क्यों नहीं दी और एक बार भी 130 करोड़ भारतीयों की सराहना नहीं की?”
उन्होंने किसान आंदोलन में कॉन्ग्रेस द्वारा फैलाए जा रहे झूठ पर पूर्व अध्यक्ष से सवाल पूछे। उन्होंने लिखा, “कॉन्ग्रेस भारत के किसानों को भड़काना और गुमराह करना कब बंद करेगी? यूपीए ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को सालों तक क्यों रोका और एमएसपी क्यों नहीं बढ़ाया? कॉन्ग्रेस सरकार के राज में दशकों तक किसान गरीबी में क्यों रहे? क्या उन्हें किसानों के प्रति सहानुभूति केवल विपक्ष में रहते हुए महसूस होती है?”
वह पूछते हैं, “राहुल गाँधी झूठ फैला रहे हैं कि सभी एपीएमसी मंडियों को बंद कर दिया जाएगा। लेकिन क्या एपीएमसी एक्ट को खत्म करना कॉन्ग्रेस के घोषणा पत्र का हिस्सा नहीं था? क्या उससे मंडी बंद नहीं होती?”
भाजपा अध्यक्ष आगे कहते हैं कि राहुल गाँधी ने तमिलनाडु में जल्लीकट्टू का आनंद लिया। जब सत्ता में थे, तब उनकी पार्टी ने इस पर प्रतिबंध लगाकर तमिल संस्कृति का अपमान क्यों किया। क्या उन्हें भारत की संस्कृति और लोकाचार पर गर्व नहीं है?
अपने इस सभी प्रश्नों को दाग कर नड्डा ने आखिर में कहा, “उम्मीद है कि राहुल गाँधी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन सभी सवालों के जवाब दे पाएँगे। अगर वह नहीं करते तो मैं अपने मेहनती मीडिया साथियों से अपील करता हूँ कि वह ये सवाल उनसे जरूर पूछें। ”