कर्नाटक में जातिगत भेदभाव और छुआछूत का एक शर्मनाक वाकया सामने आ रहा है। भाजपा के सांसद को अपने ही निर्वाचन क्षेत्र के गाँव में इसलिए घुसने से रोक दिया गया क्योंकि वे दलित हैं, और वह गाँव ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोगों का है। घटना से आहत सांसद ने पुलिस को इत्तला कर दी है।
‘गोला’ समुदाय के बताए जा रहे आरोपित
बताया जा रहा है कि आरोपित लोग चित्रदुर्ग लोक सभा क्षेत्र के गोलाराहट्टी गाँव के निवासी हैं, जो गोला नामक जाति के ओबीसी समाज के लोगों का गाँव है। जब चित्रदुर्ग के सांसद ए नारायणस्वामी ने सोमवार को टुमकुर जिले के पवगाड़ा तालुक स्थित इस गाँव में घुसने की कोशिश की तो गोला समुदाय के कुछ लोगों ने उन्हें ‘अछूत’ बताते हुए उनका रास्ता रोक लिया। उन्होंने नारायणस्वामी को वापिस चले जाने को कहा और साथ में जोड़ा कि उस गाँव में आज तक कोई भी दलित दाखिल नहीं हुआ है। विवाद बढ़ता देख कर नारायणस्वामी अपनी कार में बैठकर वापिस हो लिए, और पुलिस ने जाँच शुरू कर दी है।
डिप्टी सीएम ने की निंदा, सांसद का बलप्रयोग से इंकार
राज्य के उपमुख्यमंत्रियों में से एक सीएन अश्वत नारायण ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि अगर यह सच है तो वे इसकी निंदा करते हैं, और इस पर कार्रवाई होगी। वहीं क्षेत्र के एसपी का कहना है कि नारायणस्वामी को रोकने वाले व्यक्तियों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
लेकिन सांसद ने पुलिस का इस्तेमाल कर गाँव में प्रवेश से इंकार कर दिया है। उनके अनुसार वे अपमानित अवश्य महसूस कर रहे हैं, लेकिन वे पुलिस की सहायता नहीं लेना चाहते थे। लोगों के अंदर से जातिवादी और छुआछूत की मानसिकता बदलना ज़रूरी है, और यह काम कानून नहीं कर सकते।