भारत में राष्ट्रपति (Presidential Election) पद के चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद इसको लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। इसी क्रम में रविवार (12 जून 2022) को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के साथ मीटिंग की। इसके लिए पार्टी ने कमेटी गठित कर दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों नेताओं को ही पार्टी ने विपक्षी दलों से बात करने के लिए अधिकृत घोषित किया है। ये NDA के घटक दलों के साथ ही विपक्षी यूपीए के नेताओं के साथ ही अन्य राजनीतिक दलों और निर्दलीयों के साथ बातचीत करेंगे।
चुनाव आयोग के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए 18 जुलाई से वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके बाद वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी। वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। ऐसे में देश के नए राष्ट्रपति 25 जुलाई को अपने पद की शपथ लेंगे। लेकिन ये चुनाव सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए भी किसी परीक्षा से कम नहीं होने वाला है।
क्या हैं नंबर गेम
ऐसा इसलिए है कि क्योंकि भले ही बीजेपी की केंद्र में सरकार हो और उसके सांसदों की संख्या अधिक हो। लेकिन फिर भी NDA गठबंधन के पास केवल 5,26,420 वोट हैं, जो कुल 10.79 लाख वोटों के आधे से थोड़ा कम हैं। यही भाजपा के लिए मुश्किल है। अब अगर राष्ट्रपति चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करना है तो बीजेपी को क्षेत्रीय पार्टयों के समर्थन की जरूरत होगी।
हालाँकि, 2017 में तो BJD और YSRCP ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन दिया था। लेकिन इस बार अभी तक ये दोनों ही पार्टियाँ शाँत बैठी हैं। हाल ही में पीएम मोदी के साथ इनकी बैठक जरूर हुई थी। राष्ट्रपति चुनाव में पूर्ण बहुमत के लिए NDA को करीब 13,000 वोटों की जरूरत है। अगर देखा जाय तो BJD के पास 31,000 से अधिक वोट हैं और YSRCP के पास 43,000 से अधिक वोट हैं। इस तरह से अगर कोई एक भी बीजेपी को सपोर्ट करती है तो राष्ट्रपति चुनाव बीजेपी के पाले में होगा।
राज्यसभा में कमजोर पड़ी बीजेपी
दरअसल, राज्यसभा में कुल 232 सदस्य है। इनमें से बीजेपी 100 के नंबर तक पहुँच गई थी। लेकिन 57 राज्यसभा की सीटों पर हुए चुनाव के बाद पार्टी घटकर 91 पर आ गई है।
कैसे होता है राष्ट्रपति चुनाव
संविधान के अनुच्छेद-54 के अनुसार, राष्ट्रपति का चुनाव एक इलेक्टोरल कॉलेज करता है। राष्ट्रपति चुनाव के कुल वोटरों की संख्या 4809 है। इसमें लोकसभा के सांसद और सभी राज्यों के विधानसभा के विधायक शामिल हैं। इस चुनाव में जनता द्वारा चुने गए विधायक और सांसद हिस्सा लेते हैं। वोट में हिस्सा लेने वाले विधायक और सांसद के वोट का वेटेज अलग-अलग होता है। इसमें भी सांसदों के वोट की वैल्यू अधिक होती है।