भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी नीरज शेखर राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। उन्होंने जुलाई 15, 2019 को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह समाजवादी पार्टी का दामन छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए थे। बलिया लोकसभा क्षेत्र उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का पारम्परिक गढ़ रहा है और नीरज शेखर ने पिता की विरासत को संभालते हुए यहाँ से 2 बार जीत दर्ज की। हालाँकि, 2014 आम चुनाव में सपा के टिकट पर लड़ते हुए उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
नीरज शेखर उत्तर प्रदेश के कोटे से राज्यसभा में निर्वाचित हुए हैं। चूँकि, उनके ख़िलाफ़ किसी अन्य प्रत्याशी ने नामांकन नहीं किया, नाम वापसी की समयसीमा ख़त्म होते ही उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। इसके साथ ही लगभग एक महीने के भीतर उनकी संसद में वापसी हो गई। यह भी जानने लायक बात है कि जिस सीट के लिए उपचुनाव हुआ, वह नीरज शेखर के इस्तीफे के बाद ही खाली हुई थी।
Neeraj Shekhar elected unopposed to Rajya Sabha from UPhttps://t.co/V94qvatUpk pic.twitter.com/F8Z4vrUsRZ
— Financial Express (@FinancialXpress) August 19, 2019
नीरज शेखर के आने से बिहार से लगे पूर्वांचल के क्षेत्रों में भाजपा और बढ़त बना सकती है। कहा जा रहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव में सपा ने उन्हें बलिया से टिकट नहीं दिया, जिसके बाद से ही वे पार्टी ने नाराज़ चल रहे थे। नीरज शेखर ने जब दिल्ली भाजपा कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की, तब कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी वहाँ मौजूद थे।