भाजपा के दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी और मोहम्मदाबाद से भाजपा विधायक अलका राय ने कॉन्ग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा को पत्र लिख कर कहा है कि वो उनके पति के हत्यारे मुख़्तार अंसारी को बचाना बंद करें। गाजीपुर के मुहम्मदाबाद से विधायक अलका राय ने पत्र में खुद को विधवा बताते हुए लिखा है कि वो विगत डेढ़ दशक से अपने पति की नृशंस हत्या के मामले में इंसाफ की लड़ाई लड़ रही हैं। अलका राय का कहना है कि वह 14 साल से पति की हत्या का इंसाफ पाने के लिए लड़ रही हैं, लेकिन कॉन्ग्रेस उस जुल्मी (मुख्तार अंसारी) को खुला संरक्षण दे रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि आज जब उत्तर प्रदेश की कई अदालतों द्वारा मुख़्तार अंसारी को तलब किया जा रहा है, पंजाब की कॉन्ग्रेस सरकार उन्हें भेजने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि हर बार कोई न कोई बहाना बना कर उन जैसे सैकड़ों पीड़ितों को न्याय से वंचित किया जा रहा है। अलका राय ने पूछा कि आखिर कॉन्ग्रेस पार्टी की सरकार इतने शर्मनाक तरीके से और निर्लज्जता से एक दुर्दांत अपराधी के साथ कैसे खड़ी हैं? उन्होंने पत्र में लिखा:
“कोई भी ये स्वीकार नहीं करेगा कि ये सब आपके (प्रियंका गाँधी) और राहुल गाँधी की मर्जी के बगैर हो रहा है। मुख़्तार अंसारी एक पेशेवर अपराधी है, जिसने तमाम निर्दोष लोगों की हत्याएँ की हैं। अनेक माताओं-बहनों का उसने सुहाग उजाड़ा है और कई बच्चों के सिर से उसने पिता का साया छीना है। प्रत्येक पीड़ित को उस क्षण की प्रतीक्षा है, जब उसे अपने किए की कड़ी सज़ा मिलेगी। न्याय की आस में हमारा हर दिन तिल-तिल कर गुजर रहा है। आप खुद एक महिला हैं। आप ऐसा क्यों कर रही हैं? क्या आपको हम जैसी अबलाओं का दर्द नहीं दिख रहा? मेरी खुद की कहानी इसका प्रमाण है कि मुख़्तार कैसे सालों से क़ानून का मजाक उड़ा कर सुरक्षित बचा हुआ है।”
अलका राय ने प्रियंका गाँधी से कहा कि ये बेहद खेदजनक है कि वो और उनकी कॉन्ग्रेस पार्टी मुख़्तार अंसारी जैसे घिनौने अपराधियों के साथ खुल कर खड़ी है। उन्होंने कहा कि उन्हें मीडिया से पता चला है कि जब उत्तर प्रदेश की गाड़ियाँ मुख़्तार अंसारी को लेने पहुँचीं तो उसे 3 महीने का बेड रेस्ट दे दिया गया। उन्होंने कहा कि वो और उन जैसे सैकड़ों लोग इस बात से हताश हैं, जिन्हें न्याय का इन्तजार है।
बकौल अलका राय, आज उत्तर प्रदेश की पूरी जनता के मन में संदेह है कि मुख़्तार अंसारी को लेकर उठ रहे सवालों पर राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी चुप क्यों हैं? उन्होंने सवाल दागा कि वोट बैंक की मज़बूरी में ये दोनों एक कुख्यात अपराधी को बचाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? उन्होंने लिखा कि उन्हें प्रियंका गाँधी के जवाब का इंतजार रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर आपके मन में थोड़ी भी संवेदना हैं तो पत्र का जवाब दें और मुख़्तार अंसारी को सज़ा दिलाने में मदद करें।
बता दें कि 29 नवंबर 2005 के दिन बेख़ौफ़ हत्यारों ने एके-47 से 400 राउंड गोलियाँ चलाई थीं, जिसमें तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित 6 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों के शरीर से 67 गोलियाँ निकाली गई थीं। इस मामले के चश्मदीद गवाह शशिकांत राय शराब पीने के बाद संदिग्ध स्थिति में सड़क पर बेहोश पड़े पाए गए, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। डेढ़ महीने के भीतर ही एक और गवाह मनोज गौड़ की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।