Monday, December 23, 2024
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महाराष्ट्र: 30 को बीजेपी चुनेगी नेता, 15 निर्दलीय सहित कई छोटे दल साथ आने को तैयार

भाजपा शिव सेना की मॉंग के आगे झुकना नहीं चाहती है। उसके लिए राहत की बात यह है कि भाजपा के बिना सरकार बनाने के लिए शिव सेना को कॉन्ग्रेस और एनसीपी दोनों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। इसकी संभावना फिलहाल नहीं दिख रही।

भारतीय जनता पार्टी की महाराष्ट्र यूनिट के मुखिया चंद्रकांत पाटिल ने मुख्यमंत्री पद को लेकर मची खींचतान के बीच बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र भाजपा ने नव निर्वाचित विधायकों की मीटिंग आगामी बुधवार (30 अक्टूबर, 2019) को बुलाई गई है। बैठक में भाजपा विधायक दल के नेता का चुनाव होगा।

इस बीच खबरें मीडिया में यह भी आ रहीं हैं कि सरकार के बहुमत के लिए केवल शिव सेना के भरोसे न बैठकर भाजपा ने खुद हाथ पैर मारना शुरू कर दिया है। 145 का आँकड़ा सरकार बनाने के लिए चाहिए और भाजपा के निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दोबारा शपथ लेने के लिए निर्दलीय और अन्य छोटे दलों के संपर्क में हैं। मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि 15 निर्दलीय और कई छोटी पार्टियॉं भाजपा के साथ आने को तैयार हैं। निर्दलीयों में ज्यादातर ऐसे हैं जिन्होंने टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी से बगावत की थी। ऐसे नेताओं को दोबारा जोड़ने के प्रयास करने की बात फडणवीस पहले ही कह चुके हैं। भाजपा के खुद के 105 विधायक हैं, जो 2014 के 122 विधायकों से कम है। सभी भाजपा विधायकों को बैठक के नियत समय दोपहर 1 बजे उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है।

56 विधायकों वाली और गठबंधन सहयोगी होते हुए भी मुख्यमंत्री पद के लिए दौड़ में शामिल शिव सेना के बदलते तेवरों को देखते हुए भाजपा न उसके भरोसे बैठ सकती है, न ही वह 2.5 साल तक शिव सेना के मुख्यमंत्री (वह भी पहले 2.5 साल) की माँग के आगे झुकना नहीं चाहती है। उसके लिए राहत की बात यह है कि भाजपा के बिना सरकार बनाने के लिए शिव सेना को कॉन्ग्रेस और एनसीपी दोनों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी।

बड़ी पार्टियों में सबसे छोटी कॉन्ग्रेस (44 विधायक) भले उसके साथ आने के लिए आतुर है, लेकिन 54 विधायकों वाली शरद पवार की एनसीपी ने अभी तक सरकार बनाने में कोई रुचि नहीं दिखाई है। शरद पवार ने कल ही बयान जारी कर अपनी पार्टी के विपक्ष में बैठने की घोषणा कर दी थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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