पश्चिमी दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने 54 ऐसी सरकारी जमीनों की लिस्ट उपराज्यपाल को सौंपी है, जिन पर अवैध रूप से मस्जिद और कब्रिस्तान बनाए गए। BJP सांसद को सरकारी जमीन और सड़क के किनारे अवैध रूप से मस्जिदों के निर्माण का मामला उठाने के मामले में धमकियाँ भी मिल चुकी हैं। इस मुद्दे को उजागर करने के लिए उन्हें फोन पर एसएमएस भेजकर और सोशल मीडिया के जरिए जान से मारने की धमकियाँ दी जा चुकी हैं।
दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने बृहस्पतिवार (जुलाई 11, 2019) को सरकारी जमीनों पर लगातार हो रहे अतिक्रमण को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की। इस दौरान 54 ऐसी सरकारी जमीनों की लिस्ट उपराज्यपाल को सौंपी गई, जिन पर अवैध रूप से मजार, मस्जिद और कब्रिस्तान बनाए गए हैं। उपराज्यपाल ने कहा है कि इन सभी जगहों की पड़ताल की जाएगी और अगर ऐसा कुछ पाया जाएगा तो उन कब्जों को हटाया जाएगा।
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प्रवेश वर्मा ने राज्यपाल को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा है कि दिल्ली में पिछले 20 सालों के दौरान यह निर्माण किए गए हैं। चिट्ठी के अनुसार, यह निर्माण ग्राम सभा, बाढ़ विभाग, खाद्य विभाग, डीडीए और एमसीडी की ऐसी जमीनों पर किए गए हैं जहाँ पर पार्क, पब्लिक टॉयलेट और कम्युनिटी सेंटर बनने थे। प्रवेश वर्मा ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि वह संबंधित जिला मेजिस्ट्रेटों और संबधित विभागों के अध्यक्षों की एक समिति बनाए और जहाँ-जहाँ कब्जे हुए हैं, वहाँ पर जाँच करवाएँ।
दिल्ली की 54 सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से बनाई गई मस्जिद और कब्रिस्तानों की लिस्ट उपराज्यपाल को सौंपी। इसकी निष्पक्ष रूप से जांच हो
— Parvesh Sahib Singh (@p_sahibsingh) July 11, 2019
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सांसद प्रवेश वर्मा के अनुसार, “जब चुनावों का वक्त आता है तो मस्जिद, कब्रिस्तान जैसे स्ट्रक्चर बनने शुरू हो जाते हैं। मुझे केवल उन जमीनों पर आपत्ति है, जो सरकारी हैं। कुल 54 ऐसी जगह हैं, जिन पर मस्जिद और कब्रिस्तान बने हैं। जिन मस्जिदों की लिस्ट उपराज्यपाल को दी गई है, वो दिल्ली के 4 लोकसभा क्षेत्रों में हैं। बाकी लोकसभा क्षेत्रों में भी ऐसी जमीनें चिन्हित की जा रही हैं।”
सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि मस्जिदों के अवैध तरीके से बढ़ते निर्माण की जाँच होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने एलजी से एक कमिटी गठित करने की माँग की है। प्रवेश वर्मा ने कहा है कि इस कमिटी में एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, एनडीएमसी, पुलिस, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए और वो चाहते हैं कि इस मामले की जाँच इलाके के डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट करें।
पिछले महीने प्रवेश वर्मा ने उपराज्यपाल को पत्र लिखा था और उन्होंने पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में सार्वजनिक जमीन पर मस्जिदों के बढ़ते निर्माण पर जाँच की माँग की थी। अपने पत्र में उन्होंने लिखा था कि ऐसा देखने में आया है कि सरकारी जमीन, सड़कों, पार्कों और दूसरे अनुसूचित स्थानों का उपयोग मस्जिदों के निर्माण के लिए किया जा रहा है, जिससे आस-पास रहने वाले आम लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।