भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कॉन्ग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गाँधी पर विदेशी ताकतों से जुड़ाव का गंभीर आरोप लगाया है। बीजेपी ने कहा है कि सोनिया गाँधी का संबंध ‘फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक’ (FDL-AP) से है, जिसे जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तीय मदद मिलती है। बीजेपी का दावा है कि यह संगठन कश्मीर को भारत से अलग करने की वकालत करता रहा है। इस मुद्दे को लेकर संसद में जबर्दस्त हंगामा हुआ और कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
सोनिया-सोरोस मुद्दे पर संसद में हंगामा
सोमवार (9 दिसंबर 2024) को संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर गर्मागर्म बहस देखने को मिली। जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी दलों ने इसे बेबुनियाद आरोप बताते हुए जोरदार हंगामा किया। स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष को शांत करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी। आखिरकार, लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया। इसी तरह, राज्यसभा में भी भारी हंगामा हुआ और कार्यवाही पहले 12 बजे और फिर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
बीजेपी ने सोनिया गाँधी पर लगाए गंभीर आरोप
बीजेपी ने दावा किया है कि सोनिया गाँधी, एफडीएल-एपी की सह-अध्यक्ष होने के नाते, उस संगठन से जुड़ी रही हैं जो कश्मीर को स्वतंत्र राष्ट्र मानने का समर्थन करता है। बीजेपी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “सोनिया गाँधी और जॉर्ज सोरोस के बीच का यह संबंध भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी ताकतों के हस्तक्षेप को दर्शाता है।” बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि राजीव गाँधी फाउंडेशन और सोरोस फाउंडेशन के बीच साझेदारी हुई थी, जो इस विदेशी प्रभाव को और पुष्ट करती है।
This thread underlines a connection between the Congress party and George Soros, implying their shared goal of diminishing India's growth.
— BJP (@BJP4India) December 8, 2024
Sonia Gandhi, as the Co-President of the FDL-AP Foundation, is linked to an organisation financed by the George Soros Foundation.
Notably,… pic.twitter.com/q9mrJ1lY3h
बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गाँधी ने अडानी समूह के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ओसीसीआरपी (ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट) की रिपोर्ट का हवाला दिया था। ओसीसीआरपी को भी सोरोस फाउंडेशन से फंडिंग मिलती है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, “राहुल गाँधी और ओसीसीआरपी के बीच यह संबंध दिखाता है कि विपक्ष किस तरह से भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रहा है।”
कल अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों का बयान मैंने बारम्बार पढ़ा ।उन्होंने यह माना कि OCCRP को अमेरिकी सरकार पैसा देती है, सोरोस का फाउंडेशन तो पैसा देता ही है ।OCCRP ,सोरोस का काम भारत की अर्थव्यवस्था को चौपट करना है,मोदी सरकार को बदनाम करना है,विपक्ष के नेताओं के साथ मिलकर ।कल के… pic.twitter.com/54ke2lJOyR
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) December 8, 2024
निशिकांत दुबे ने संसद में अपनी आवाज दबाने का आरोप लगाया और एक्स पर लिखा, “आज लोकसभा में मुझे बोलने का अवसर शून्य काल में था, लेकिन विपक्ष ख़ासकर कॉॉन्ग्रेस पार्टी ने सोरोस के सम्बन्ध में पोल खुलने के डर से मेरी आवाज़ को दबाया। संसद में नियम के अनुसार यदि आवाज़ उठाने पर हल्ला कर दबाया जाए तो लोकतंत्र ख़तरे में है। संविधान कैसे बचेगा?”
आज लोकसभा में मुझे बोलने का अवसर शून्य काल में था, लेकिन विपक्ष ख़ासकर कॉंग्रेस पार्टी ने सोरोस के सम्बन्ध में पोल खुलने के डर से मेरी आवाज़ को दबाया । संसद में नियम के अनुसार यदि आवाज़ उठाने पर हल्ला कर दबाया जाए तो लोकतंत्र ख़तरे में है। संविधान कैसे बचेगा?
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) December 9, 2024
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सभी दलों से की एकजुटता की अपील
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस मामले को ‘भारत की संप्रभुता पर हमला‘ बताया। उन्होंने कहा, “अगर कोई भारत-विरोधी ताकतों के साथ काम करता है, तो सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर उसका विरोध करना चाहिए। यह सिर्फ कॉन्ग्रेस का मुद्दा नहीं है, यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा सवाल है।” रिजिजू ने कॉन्ग्रेस नेताओं से अपील की कि अगर उनकी पार्टी का कोई सदस्य देशविरोधी तत्वों से जुड़ा है, तो उसे सामने लाएँ।
वहीं, कॉन्ग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इन आरोपों को ‘राजनीतिक साजिश’ करार दिया। कॉन्ग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “जब सरकार को कुछ छिपाना होता है, तो वह ऐसे मुद्दे उछालती है। अगर उनके पास कोई ठोस सबूत है, तो जाँच कराएँ।” वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सांसद मनोज झा ने कहा, “सरकार को पहले अपने घर की सफाई करनी चाहिए। विपक्ष को डराने-धमकाने की यह कोशिश अब नहीं चलेगी।”
ओसीसीआरपी और सोरोस फाउंडेशन पर क्या हैं आरोप?
ओसीसीआरपी एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन है, जो अपराध और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों पर रिपोर्टिंग करता है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि यह संगठन भारत की छवि खराब करने और मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए विपक्ष के साथ मिलकर काम कर रहा है। हालाँकि, अमेरिका ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ओसीसीआरपी जैसे संगठन स्वतंत्र रूप से काम करते हैं और उनकी संपादकीय नीति पर किसी का नियंत्रण नहीं होता।
बीजेपी के आरोपों पर अमेरिकी दूतावास ने बयान जारी कर कहा, “यह निराशाजनक है कि भारत की सत्ताधारी पार्टी इस तरह के आरोप लगा रही है। अमेरिकी सरकार पत्रकारों को पेशेवर प्रशिक्षण और विकास के लिए मदद करती है, लेकिन इसका संपादकीय स्वतंत्रता से कोई लेना-देना नहीं है।” बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इस बयान को आधार बनाते हुए कहा, “अमेरिका ने खुद स्वीकार किया है कि ओसीसीआरपी और सोरोस फाउंडेशन को उनके फंड मिलते हैं। यह साफ दिखाता है कि विपक्ष और विदेशी ताकतें भारत के खिलाफ साजिश रच रही हैं।”
संसद में सोरोस चैप्टर कैसे शुरू हुआ
संसद में सोरोस का मुद्दा सबसे पहले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 6 दिसंबर को उठाया था। उन्होंने राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सोरोस के करीबियों के साथ मुलाकात का जिक्र किया और इसे ‘भारत-विरोधी ताकतों’ से जोड़ा। उन्होंने संसद में कहा, “कॉन्ग्रेस का हाथ जार्ज सोरोस के साथ, राहुल गाँधी जी की भारत जोड़ो यात्रा का खर्च सोरोस ने दिया या नहीं, सोरोस ने 1000 भारतीय बच्चों को विदेश में पढ़ाई का खर्च दिया, उसमें कितने कॉंग्रेस नेताओं के बच्चे हैं? मेरा कॉन्ग्रेस पार्टी से प्रश्न पूछने का सिलसिला जारी रहेगा।” इसके बाद, यह मुद्दा संसद में हंगामे का कारण बन गया।
कॉंग्रेस का हाथ जार्ज सोरोस के साथ, राहुल गांधी जी की भारत जोड़ो यात्रा का खर्च सोरोस ने दिया या नहीं, सोरोस ने 1000 भारतीय बच्चों को विदेश में पढ़ाई का खर्च दिया, उसमें कितने कॉंग्रेस नेताओं के बच्चे हैं? मेरा कॉंग्रेस पार्टी से प्रश्न पूछने का सिलसिला जारी रहेगा pic.twitter.com/MqMVmCJ7gv
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) December 6, 2024
बीजेपी ने यह भी कहा है कि जॉर्ज सोरोस की फंडिंग से चलने वाले खोजी पत्रकारों ने ही अडानी पर हमले को लेकर राहुल गाँधी के भाषणों का प्रसारण किया। राहुल गाँधी भी इसे अपने सोर्स के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाए। बीजेपी ने यह भी कहा कि कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर भी जॉर्ज सोरोस को अपना दोस्त बता चुके हैं।
बहरहाल, सोरोस और सोनिया गाँधी के बीच कथित संबंधों को लेकर संसद में उठा यह मुद्दा राजनीतिक संघर्ष का नया अध्याय बन गया है। जहाँ बीजेपी इसे ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का सवाल बता रही है, वहीं विपक्ष इसे ‘ध्यान भटकाने की चाल’ करार दे रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद संसद के बाहर जनता के बीच कितना असर डालता है।