बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के टीएमसी में शामिल होने की अटकलों के बीच भाजपा समर्थक फिर से एकजुट हो गए हैं। दरअसल, बीते कई महीनों से केंद्र सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे स्वामी ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल में 6 महीने पहले हुई भीषण हिंसा को दरकिनार करते हुए ममता की तारीफ में कसीदे पढ़े। उन्होंने अपने प्रशंसकों के एक ट्वीट को रीट्वीट किया, जिसमें प्रशंसकों ने ममता बनर्जी के साथ हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के मामले को उठाने के लिए उनकी तारीफ की थी। स्वामी ने ऐलान किया कि वो पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के तथ्यों की जाँच करने को लेकर अधिकारियों से मिलेंगे। पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा में कई बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या और बलात्कार किए गए थे।
ममता से मुलाकात पर स्वामी की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे थे। इसके बाद उन्होंने ट्वीट किया, “दिसंबर के मध्य में मैं वीएचएस टीम के साथ राज्य के कुछ हिस्सों में हाल के दिनों में उपजे कुछ हालातों का आकलन करने के लिए जाऊँगा। मैं सही तथ्यों की जाँच के लिए अधिकारियों से भी बात करूँगा। मुझे याद कि तीन वर्ष पहले जब मैंने सीएम ममता से तारकेश्वर मंदिर को मुक्त कराने के लिए बात की थी तो उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी।”
सुब्रमण्यम स्वामी के फैंस का आरोप था कि स्वामी के ममता से मुलाकात के बाद बीजेपी वालों को बरनोल की जरूरत पड़ने वाली है, लेकिन हकीकत इसके उलट निकली। भाजपा कार्यकर्ता तो स्वामी के टीएमसी में शामिल होने की अटकलों से खुश हैं। कॉलमनिस्ट अभिषेक बनर्जी ने भाजपा के समर्थकों का मूड जानने के लिए ट्विटर पर उनसे सवाल भी किया कि क्या वे स्वामी के टीएमसी ज्वॉइन करने की संभावना पर खुश हैं। उनके इस सवाल पर कई यूजर्स ने पॉजिटिव कमेंट किए।
Yes. Elated. But he may not. (Hope he joins and proves me wrong)
— Suresh 🇮🇳 (@surnell) November 24, 2021
एक सोशल मीडिया यूजर ने केवल दो शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया दीष उसने लिखा, “गुड रिडांस”।
Two words :
— Adv Aishwarya Singh 🇮🇳 (@AishwaryaSing15) November 24, 2021
Good Riddance
अन्य यूजर्स ने इसे मनोरंजक करार देते हुए कहा, “बुरा नहीं है। कुछ मनोरंजन ही होगा, दिल भी बहलेगा।”
Kuch entertainment hoga! Dil behlega! Not bad!
— Sukriti (सुकृति) Gupta 🇮🇳 (@Gupta_suk) November 24, 2021
वहीं एक अन्य यूजर ने अपनी खुशी व्यक्त करते एक बच्चे का जिफ शेयर किया।
— Shining Star 🇮🇳 (@ShineHamesha) November 24, 2021
ऐश दुबे नाम के नेटिज़न ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दरकिनार किए गए नेताओं की लिस्ट बनाते हुए कहा कि पीएम के पास लोगों की पहचान करने का 100% रिकॉर्ड है।
a) Shourie
— AshDubey_ (@AshDubey_) November 24, 2021
b) Yashwant SInha
c) Sudheendra Kulkarni
d) Shatri
e) Kirti Azad
f) now – Swamy
NaMo’s track record is spotting the “Imposters” early on is 100% intact !
😂
सोशल मीडिया पर कई अन्य लोगों ने इस बात की भी उम्मीद जताई कि ममता बनर्जी स्वामी को यह कहकर टीएमसी में शामिल कराएँगी कि राजनीतिक रूप से दोनों एक-दूसरे के लिए एकदम फिट होंगे।
Hope Mamata Didi takes Swamy ji with her.
— Pratyasha Rath (@pratyasharath) November 24, 2021
Good fit for her party.
स्वामी के टीएमसी में शामिल होने की अटकलों के बीच बीजेपी के सपोर्टर काफी खुश दिखे। वहीं, कुछ लोगों ने स्वामी को दल-बदलू करार दिया और कहा कि हकीकत में वो कभी भी वैचारिक रूप से पार्टी के प्रति समर्पित नहीं थे। उदाहरण के तौर पर एक नेटिजन ने खालिस्तान आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के साथ स्वामी की तस्वीर को ट्वीट किया। खास बात यह कि भाजपा नेता कई मौकों पर भिंडरावाले की प्रशंसा कर चुके हैं।
Swamy didn’t mentioned about his friend Bhindranwale pic.twitter.com/SJYE3T5iKK
— Tony Sharma (@TonyTwitching) November 24, 2021
बहुत से लोगों का यह भी मानना है कि सुब्रमण्यम स्वामी दलबदलू हैं, जो सरकार विशेष में विचारधारा की तुलना में पद पाने की अधिक परवाह करते हैं। इतिहास में ऐसे कई मौके सामने आ चुके हैं, जब स्वामी के इरादों पर सवाल उठे थे। स्वामी ही वह व्यक्ति थे, जिन्होंने अटल बिहारी की सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाई थी। इतना ही नहीं, हिंदू आतंकवाद के सिद्धांत को बढ़ावा देते हुए वह आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की भी माँग कर चुके हैं। ये स्वामी ही थे, जिन्होंने ने केवल भिंडरावाले की तारीफ की थी, बल्कि राम मंदिर के निर्माण का विरोध किया और वाजपेयी के खिलाफ निंदनीय आरोप लगाए थे। कई बार तो वे चीन का भी बचाव करते दिखे और उन नेताओं का बचाव करने की कोशिश की, जो कि हिंदुओं के खिलाफ काम कर रहे थे।
हालाँकि, भाजपा नेता द्वारा ममनता बनर्जी की तारीफ करने पर आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे पहले भी वो ऐसा कर चुके हैं। पिछले साल 2020 में स्वामी ने उनकी राजनीति की आलोचना करने वाले एक ट्वीट का जवाब देते हुए कहा था, “मेरे अनुसार ममता बनर्जी एक पक्की हिंदू और दुर्गाभक्त हैं। वह हर मामले पर कार्रवाई करेंगी। उनकी राजनीति अलग है। हम मैदान में लड़ेंगे।”
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, टीएमसी में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर स्वामी ने सधे अंदाज में रिएक्शन दिया है। उन्होंने कहा, “मैं पहले से ही उनके (ममता) साथ था। मुझे पार्टी में शामिल होने की कोई जरूरत नहीं है।”