सागर की अपनी क्षमता है
पर माँझी भी कब थकता है
जब तक साँसों में स्पन्दन है
उसका हाथ नहीं रुकता है।
इन्हीं शब्दों को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने जीवन और नीति क्रियान्वयन का सार बना लिया है। लोक-कल्याण के संकल्प की शक्ति के बूते आज उत्तर प्रदेश के सपने साकार हो रहे है। ‘होप’ रिर्सच फांऊंडेशन द्वारा शोध उपरान्त लिखी गई किताब ‘नीति अध्ययन’ इसी दिशा में किया गया महत्वपूर्ण या कहें कि मील का पत्थर साबित होगी। यह किताब जल्द ही बाजार में सम्मानित पाठक गणों के समक्ष उपलब्ध होगी। इस पुस्तक के लेखकों के विशद अध्ययन ,जिसने यह स्थापित किया है कि पिछले 5 वर्षों में नए भारत के नए उत्तर प्रदेश का सृजन हुआ है, का विमर्श शुरू करने हेतु स्वागत है।
भारतीय जनता पार्टी तथा उसके शीर्ष राज्य नेतृत्व के अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि पार्टी अभी सेवा भाव तथा सुफल प्रयासों के सन्दर्भ में प्रदेशवासियों के हृदय में एक विशिष्ट जगह बना चुकी है। 240 पेज वाली इस किताब में 9 अध्याय है जिसे अकादमिक जगत के मूर्धन्य विद्वानों ने कलमबद्ध किया है एवं यह बताया है कि कैसे नव उत्तर प्रदेश का सृजन हुआ है। इस पुस्तक में बहुमायामी विश्लेषण किया गया है तथा उन सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं को विषयवार बताया गया है जिन्होंने प्रदेश में सुशासन को नव जीवन प्रदान किया है।
पहला अध्याय दिग्विजय सिंह द्वारा लिखा गया है जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण नीतियों तथा उसकी प्रासंगिकता का सविस्तार उल्लेख किया गया है। दूसरा अध्याय संगीता केशरी द्वारा लिखा गया है और इस अध्याय में प्रदेश में बदली हुई कानून व्यवस्था का स्थूल विवेचन कर यह बताने का प्रयास किया गया है कि कैसे योगी की नीतियों ने प्रदेश को मुक्त बनाने का काम किया है। तीसरा अध्याय अमोल कुमार द्वारा कलमबद्ध किया गया है, जिसमें निवेश तथा नवाचार सन्दर्भों का विस्तार से उल्लेख है।
चतुर्थ अध्याय अभिषेक कुमार द्वारा लिखित है जिसमें प्रदेश शासन के द्वारा शुरू किए गए नवीन स्वास्थ्य योजनाओं तथा इनके क्रियान्वयन का बिन्दुवार विश्लेषण है। पाँचवाँ अध्याय कोरोना प्रबंधन तथा इसकी दिशा में किए गये कार्यों का दर्पण हैं जिसने मानवता के ऊपर विपदा समान इस महामारी को संभालने में प्रदेश सरकार के बेहतरीन प्रयासों का मानचित्रण किया है। इस अध्याय को डा० विशाल मिश्रा ने लिखा है जिनके सार्वजनिक जीवन तथा शैक्षणिक विद्वता का प्रभाव इस लेख में मोती की तरह चमकता हुआ दिखता है।
Pranam🙏🏻
— Digvijay Singh (@DigvijayHoPE) January 19, 2022
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छठा अध्याय पुनः संगीता केशरी द्वारा लिखित है जिसमे शिक्षा व्यवस्था इसकी लक्षित कार्यप्रणाली और दूरगामी प्रभाव को बताया गया है। सातवाँ अध्याय सत्यम द्वारा लिखित है जिसमें डिजिटल क्रांति तथा इसके माध्यम से आई क्रांति एवं जनमानस के ऊपर इसके प्रभावो का विशद अध्ययन किया गया है। आठवाँ अध्याय विजय दीक्षित ने कौशल विकास के सन्दर्भ में लिखा है तथा स्पष्ट रूप से यह रेखांकित करने का प्रयास किया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महत्वपूर्ण प्रयास से कैसे रोजगार की दिशा और दशा दोनों बदली है।
नवम एवं अंतिम अध्याय डॉ० रितु शर्मा द्वारा लिखित है। प्रदेश सरकार की वरीयता में प्रथम, महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के सन्दर्भ में शुरू किए गए नवीन योजनाओं को रेखांरित किया गया है तथा यह बताने का प्रयास किया गया है कि मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता ने कैसे अब तक उपेक्षित इस वर्ग का कायाकल्प कर दिया है।
(लेखक अभिषेक कुमार इंद्रप्रस्थ अध्ययन केंद्र (दिल्ली) साहित्य समूह सह-प्रमुख, सक्षम दिल्ली प्रांत कार्यकारिणी सदस्य एवं प्रांत मीडिया प्रभारी है)