कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार रहे डीके शिवकुमार को राज्य के उपमुख्यमंत्री पद से संतोष करना पड़ा है। सीएम की कुर्सी न मिल पाने को लेकर डीके शिवकुमार ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा है कि जनता ने उन्हें सीएम बनाने के लिए वोट किया था। लेकिन पार्टी हाईकमान के कहने के बाद उन्हें सीएम पद की दावेदारी छोड़नी पड़ी।
दरअसल, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद डीके शिवकुमार पहली बार शनिवार (3 जून 2023) को अपने विधानसभा क्षेत्र कनकपुरा पहुँचे। यहाँ उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “आप सभी लोगों ने यह सोचकर प्यार दिया था कि मुझे नया पद मिलेगा, नई जिम्मेदारी मिलेगी। किसी को निराश होने की जरूरत नहीं है।”
डीके शिवकुमार ने आगे कहा है, “आपने मुझे मुख्यमंत्री बनाने के लिए बड़ी संख्या में वोट दिया था। लेकिन राहुल गाँधी, सोनिया गाँधी, मल्लिकार्जुन खड़गे ने फैसला लेते हुए मुझे एक सलाह दी। मुझे उनके फैसले के आगे सिर झुकाना पड़ा। अब मुझे धैर्य रखते हुए इंतजार करना चाहिए। लेकिन ईश्वर और आप लोगों की इच्छा कभी अधूरी नहीं रहेगी। मैं बस यही कहूँगा सब लोग धैर्य रखें।” इसके अलावा उन्होंने अपने क्षेत्र के मतदाताओं को उन्हें वोट देने के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही, आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारी करने के लिए कहा।
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव की 224 सीटों में से कॉन्ग्रेस ने 136 सीटों में जीत कर सत्ता में वापसी की थी। विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलकों में डीके शिवकुमार ही कॉन्ग्रेस की ओर से सीएम पद के लिए बड़ा चेहरा माने जा रहे थे। इसके अलावा मीडिया में भी सिद्धारमैया की अपेक्षा डीके शिवकुमार के नाम की अधिक चर्चा थी। चुनाव परिणाम आने के बाद शिवकुमार ने भी सीएम पद के लिए दावेदारी पेश की थी। लेकिन राहुल, सोनिया और खड़गे के आगे उनकी एक न चली। इस प्रकार सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया गया। वहीं, डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री पद से संतोष करना पड़ा।