दशहरा के मौके पर नागपुर में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत ने देश की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर मोदी सरकार की पीठ थपथपाई। उन्होंने भाजपा को दोबारा मिली बहुमत की बात करते हुए कहा कि नई सरकार को बढ़ी हुई संख्या के साथ फिर से लाकर समाज ने उनके पिछले कार्यों से सहमति व आने वाले समय के लिए बहुत सारी अपेक्षाओं को व्यक्त किया था। मोहन भागवत ने साफ़ कर दिया कि जन अपेक्षाओं को प्रत्यक्ष में साकार कर, जन भावनाओं का सम्मान करते हुए देशहित में उनकी इच्छाएँ पूर्ण करने का साहस दोबारा चुने हुए शासन में है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि अनुच्छेद 370 को अप्रभावी बनाने के सरकार के काम से यह बात सिद्ध हुई है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को बधाई एवं अभिनन्दन का पात्र बताया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न सफल अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए इसरो की भी पीठ थपथपाई। सरसंघचालक ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने अब तक चंद्रमा के अनछुए प्रदेश अर्थात उसके दक्षिण ध्रुव पर अपना चंद्रयान ‘विक्रम’ उतारने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यद्यपि अपेक्षा के अनुरूप पूर्ण सफलता नहीं मिली, परंतु पहले ही प्रयास में इतना कुछ कर पाना भी काफ़ी महत्वपूर्ण है।
हमारे वैज्ञानिकों ने अब तक चंद्रमा के अनछुए प्रदेश,उसके दक्षिण ध्रुव पर अपना चांद्रयान ‘विक्रम’ उतारा।यद्यपि अपेक्षा के अनुरूप पूर्ण सफलता ना मिली,परंतु पहले ही प्रयास में इतना कुछ कर पाना यह भी सारी दुनिया को अबतक साध्य न हुई एक बात थी।-सरसंघचालक#संघ_विजयादशमी#RSSVijayaDashami pic.twitter.com/9on2E3FzMB
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सरसंघचालक मोहन भागवत ने वैज्ञानिकों का हौंसला भी बढ़ाया। उन्होंने कहा कि हमारे देश की बौद्धिक प्रतिभा व वैज्ञानिकता का तथा संकल्प लेकर उस कार्य को परिश्रमपूर्वक पूर्ण करने की लगन के कारण ही हमारे वैज्ञानिकों का सम्मान दुनिया में सर्वत्र बढ़ गया है। उन्होंने जनता को भी अहम सन्देश देते हुए कहा:
“सुखद वातावरण में अलसा कर हम अपनी सजगता व अपनी तत्परता को भुला दें, सब कुछ शासन पर छोड़ कर और निष्क्रिय होकर विलासिता व स्वार्थों में मग्न हो जाएँ- ऐसा समय नहीं है। जिस दिशा में हम लोगों ने चलना प्रारंभ किया है, वह अपना अंतिम लक्ष्य-परमवैभव संपन्न भारत-अभी दूर है। मार्ग के रोड़े, बाधाएँ और हमें रोकने की इच्छा रखने वाली शक्तियों के कारनामे अभी समाप्त नहीं हुए हैं। हमारे सामने कुछ संकट हैं जिनका उपाय हमें करना है। कुछ प्रश्न है जिनके उत्तर हमें देने हैं, और कुछ समस्याएँ हैं, जिनका निदान कर हमें उन्हें सुलझाना है।
कार्यक्रम के दौरान सरसंघचालक ने शस्त्र-पूजन भी किया। एचसीएल के संस्थापक और अरबपति कारोबारी शिव नादर इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मोहन भागवत ने ‘मॉब लिंचिंग’ गिरोह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कुछेक सामाजिक अपराध की घटनाओं को ‘मॉब लिंचिंग’ के रूप में ब्रांड किया गया। उन्होंने इसे भारत को बदनाम करने वाला दुष्प्रचार करार देते हुए कहा कि ‘मॉब लिंचिंग’ के ब्रांडिंग के माध्यम से हिन्दुओं को बदनाम करने और कुछ समुदायों में डर पैदा करने की कोशिश की गई।
Branding some incidents of social violence as ‘lynching’ are actually meant to defame our country, Hindu society & create fear among some communities. Lynching is alien to Bharat & actually has its references elsewhere – Dr. Mohanji Bhagwat. #RSSVijayaDashami #संघ_विजयादशमी pic.twitter.com/6XpiZi18ym
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वहीं आज की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि पाठ्यक्रम से लेकर शिक्षकों के प्रशिक्षण तक, सब चीजों में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता लगती है। संघ प्रमुख ने याद दिलाया कि केवल ढाँचागत परिवर्तनों से काम बनने वाला नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि अपनी मातृशक्ति को हमको प्रबुद्ध, स्वावलंबनक्षम, स्वसंरक्षणक्षम बनाना ही होगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं को देखने की पुरुषों की दृष्टि में हमारी संस्कृति के पवित्रता व शालीनता के संस्कार भरने ही पड़ेंगे।