INX मीडिया घोटाले के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व गृह और वित्तमंत्री पी चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया है। कॉन्ग्रेस नेता के मामले में जस्टिस सुनील गौड़ ने 25 जनवरी को फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिसे आज सुनाया गया है। इसके पहले कानून मंत्रालय ने भी उनके खिलाफ मामला चलाने की मंजूरी सीबीआई को दे दी थी। सीबीआई और ED दोनों ने ही अदालत से कहा था कि चिदंबरम से पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लिया जाना ज़रूरी है क्योंकि सामान्य पूछताछ में वे गोलमोल जवाब दे रहे थे।
Delhi High Court Refuses Anticipatory Bail To Senior Adv P Chidambaram In INX Media Scam Case https://t.co/od3An8ojv7
— Live Law (@LiveLawIndia) August 20, 2019
Delhi High Court refuses anticipatory bail to P Chidambaram in INX Media case. #INXMedia #PChidambaram @PChidambaram_IN
— Bar & Bench (@barandbench) August 20, 2019
₹305 करोड़ का घोटाला
दरअसल यह पूरा मामला 2007 का है, जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने अपने पिता के जरिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड से विदेशी निवेश की मंजूरी दिलाई थी। ज्ञात हो कि आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश हासिल हुआ था।
कार्ति चिदंबरम ने ही आईएनएक्स मीडिया की प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी को पी चिदंबरम से मिलवाया था। इसके बदले कार्ति चिदंबरम ने घूस के तौर पर करोड़ो रुपए लिए थे। जबकि ऐसे मामलों में स्पष्ट निर्देश है कि विदेशी निवेश के लिए कैबिनेट की आर्थिक मामलों की सलाहकार समिति की इजाज़त लेना जरूरी है।
बता दें कि इस मामले में पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने वित्त मंत्री (साल 2007) रहते हुए गलत तरीके से विदेशी निवेश को मंजूरी दी थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने अलग आरोप पत्र में कहा है कि कार्ति चिदंबरम के पास से मिले उपकरणों में से कई ई-मेल मिली हैं, जिनमें इस सौदे का जिक्र है।