बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने NDA के उपराष्ट्रपति पद (Vice President Election 2022) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को समर्थन देने का ऐलान किया है। मायावती ने कहा कि व्यापक जनहित और अपने मूवमेन्ट को ध्यान में रखते हुए बसपा ने यह फैसला लिया है।
बसपा प्रमुख ने बुधवार (3 अगस्त 2022) को ट्वीट कर कहा, “सर्वविदित है कि देश के सर्वाेच्च राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में सत्ता व विपक्ष के बीच आम सहमति ना बनने की वजह से ही चुनाव हुआ। अब ठीक वही स्थिति बनने के कारण उपराष्ट्रपति पद के लिए भी दिनांक 6 अगस्त को चुनाव होने जा रहा है।”
2. बीएसपी ने ऐसे में उपराष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में भी व्यापक जनहित व अपनी मूवमेन्ट को भी ध्यान में रखकर श्री जगदीप धनखड़ को अपना समर्थन देने का फैसला किया है तथा जिसकी मैं आज औपचारिक रूप से घोषणा भी कर रही हूँ। (2/2)
— Mayawati (@Mayawati) August 3, 2022
उन्होंने आगे लिखा, “बीएसपी ने ऐसे में उपराष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में भी व्यापक जनहित व अपनी मूवमेन्ट को ध्यान में रखकर जगदीप धनखड़ को अपना समर्थन देने का फैसला किया है। इसकी मैं आज औपचारिक रूप से घोषणा कर रही हूँ।” उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 6 अगस्त को होना है। इसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मतदान करते हैं। धनखड़ का भारत का अगला राष्ट्रपति चुना जाना तय लग रहा है।
बता दें कि इससे पहले जब एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था, तब भी BSP प्रमुख मायावती ने उन्हें समर्थन देने की घोषणा की थी। उस समय मायावती ने द्रौपदी मुर्मू (राष्ट्रपति) को समर्थन देते हुए कहा था, “बीएसपी ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर तथा पार्टी व मूवमेन्ट की सोच के मुताबिक ही आदिवासी समाज की महिला द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए सबसे पहले अपना समर्थन देने की घोषणा की। कमजोर वर्गों के अन्य लोगों से भी उन्हें आज अपनी अन्तरात्मा के आधार पर वोट देने की अपील।”
इसके बाद मायावती ने ट्वीट कर द्रौपदी मुर्मू को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहने पर कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की निंदा भी की थी। उन्होंने लिखा था, “भारत के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद पर आदिवासी समाज की पहली महिला के रूप में द्रौपदी मुर्मू जी का शानदार निर्वाचन बहुत लोगों को पसंद नहीं। इसी क्रम में लोकसभा में कॉन्ग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करना अति दुखद, शर्मनाक व अति निन्दनीय है।”