Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीतिजो संविधान अभिव्यक्ति की आजादी देता है, वही हमें कानून का पालन करना भी...

जो संविधान अभिव्यक्ति की आजादी देता है, वही हमें कानून का पालन करना भी सिखाता है: राष्ट्रपति ने तिरंगे के अपमान को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ ही संसद के बजट सत्र की आज शुरुआत हो जाएगी। विपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार (जनवरी 29, 2021) को अभिभाषण के साथ ही संसद के बजट सत्र की शुरुआत की। दो हिस्सों में चलने वाला बजट सत्र 8 अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र पहला चरण आज से 15 फरवरी तक, और दूसरा चरण 8 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा।

हालाँकि, 18 दलों के विपक्षी नेताओं ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसानों के साथ खड़े होते हुए अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है। बजट सत्र के लिए संसद मेंं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम सांसद मौजूद हैं। 

एक घंटे चले राष्ट्रपति के अभिभाषण में राष्ट्रपति ने हाल ही की सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं और उपलब्धियों का ब्यौरा दिया। इसके अलाव, राष्ट्रपति ने सीमा पर चीन के साथ हुए हिंसक झड़प के बारे में बात करते हुए देश के वीर सैनिकों के शौर्य की सराहना की करते हुए बलिदानी जवानों का भी जिक्र किया।

इस दौरान, राष्ट्रपति कोविंद ने गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, “पिछले दिनों तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।”

राष्ट्रपति ने अपने सम्बोधन में संयुक्त राष्ट्र में अस्थायी सदस्यता, ब्रिक्स में अध्यक्ष बनने से लेकर अयोध्या श्रीराम मंदिर निर्माण तक में देश की उल्लेखनीय प्रगति का भी जिक्र किया। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों में सरकार के उल्लेखनीय गतिविधियो के बारे में भी बात की। राष्ट्रपति ने कहा, “ऐसे अनेक निर्णय हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में लिए गए। मेरी सरकार ने दिखाया है कि नीयत साफ हो, इरादे बुलंद हों तो बदलाव लाया जा सकता है। इन वर्षों में मेरी सरकार ने जितने लोगों के जीवन को छुआ है, वह अभूतपूर्व है।”

राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और छह संसद सदस्यों के निधन पर दुख जताया और श्रद्धांजिल अर्पित की। राष्ट्रपति ने सरकार की बैंकिंग व्यवस्था के बारे में भी बात करते हुए कहा, “इसके लिए 41 करोड़ से अधिक गरीबों के जनधन खाते खोले गए। इनमें से आधे से अधिक खाते हमारी गरीब बहनों और बेटियों के हैं।”

कृषि कानूनों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘‘व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ। छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझते हुए ही अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएँ थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएँ उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘वर्तमान में इन कानूनों के क्रियान्वयन देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है। मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी।’’

पिछले वर्ष सितंबर माह में मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच कानून पारित किए गए थे। संसद सत्र 2021 के अंतर्गत सरकार के अजेंडे में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश करने के अलावा कुछ अध्यादेशों को कानून की शक्ल देना भी शामिल है।

इनमें नैशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली लॉज (स्पेशल प्रोविजन) सेकंड (अमेंडटमेंट) ऑर्डिनेंस, 2020, द कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट इन नैशनल कैपिटल रीजन और ऐडजॉइनिंग एरिया ऑर्डिनेंस 2020, द जम्मू ऐंड कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन (अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस, 2021, द आर्बिट्रेशन ऐंड कॉन्सिलिएशन (अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस, 2020, डेटा प्रॉटेक्शन बिल, डीएनए टेक्नॉलजी बिल शामिल हैं। जबकि, आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -