दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले की मरम्मत पर हुए खर्च की अब CAG जाँच होगी। उप-राज्यपाल की सिफारिश के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। केजरीवाल पर सरकारी बंगले की मरम्मत में करोड़ों रुपए की अनियमितता करने का आरोप है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली के उप-राज्यपाल सचिवालय ने 24 मई, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के रिनोवेशन में गंभीर रूप से वित्तीय अनियमितता का जिक्र करते हुए CAG जाँच कराने की सिफारिश की थी। उपराज्यपाल सचिवालय ने अपने पत्र में यह भी कहा था कि केजरीवाल के सरकारी बंगले की मरम्मत में बहुत अधिक पैसा खर्च किया गया है। केजरीवाल ने यह सब तब किया जब देश कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा था।
The Comptroller and Auditor General (CAG) of India is conducting a 'special audit' into the alleged administrative and financial irregularities in the renovation of Delhi CM Arvind Kejriwal’s official residence at 6, Flag Staff Road Civil Lines. The move follows a request by the…
— ANI (@ANI) June 27, 2023
उपराज्यपाल ने गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट का हवाला दिया है। मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि लोक निर्माण विभाग ने मरम्मत के नाम पर केजरीवाल के लिए नए बंगले का निर्माण कर दिया। इस आवास के निर्माण को लेकर दिए गए शुरुआती प्रस्ताव में अतिरिक्त आवास देने की बात कही गई थी। लेकिन बाद में लोक निर्माण मंत्री ने पुरानी बिल्डिंग को गिराकर नया बंगला बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
यही नहीं, बिल्डिंग की मरम्मत के लिए शुरुआत में 15-20 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन, बाद में इस राशि को बढ़ाते-बढ़ाते करीब 53 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। यह लागत शुरुआती प्रस्ताव की कीमत से तीन गुनी अधिक है।
बता दें कि दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास की पुरानी बिल्डिंग को गिराकर नई बिल्डिंग बनाने को लेकर अब तक कई बड़े खुलासे हो चुके हैं। इसको लेकर टाइम्स नाउ नवभारत ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि CM आवास में 8-8 लाख रुपए के पर्दे लगाए गए। केवल पर्दों पर ही 1 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। कुल 23 पर्दों का ऑर्डर दिया गया था, जिनमें से कुछ अभी लगने बाकी हैं और कुछ लगाए दिए गए हैं। शुरुआत में 8 पर्दे लगाए गए, जिनकी कीमत 45 लाख रुपए थी। दूसरे चरण में 15 पर्दों का ऑर्डर दिया गया, जो 51 लाख रुपए के थे।
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री आवास में लगाने के लिए वियतनाम से मार्बल मँगाया गया। इसे ‘डियोर पर्ल मार्बल’ बोला जाता है, जो सुपीरियर क्वालिटी का होता है। इसकी कीमत 15 लाख रुपए होती है। साथ ही इसे लगाने के लिए भी अलग तरीके से फिटिंग की जाती है। AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि अरविंद केजरीवाल आंदोलन से निकले नेता हैं और कोई फकीर नहीं है। उन्होंने कहा कि वो बँगला 1942 का बना है, वहाँ छत से पानी टपकती थी और बुजुर्गों को परेशानी होती थी।