असम में मवेशियों की हत्या, उपभोग और उनके परिवहन पर रोकथाम के लिए हिंमंत बिस्वा सरमा सरकार ने शुक्रवार (13 अगस्त 2021) को मवेशी संरक्षण विधेयक-2021 पारित करा लिया। विधानसभा में जैसे ही अध्यक्ष ने इस बिल के पारित होने की घोषणा की तो सत्तापक्ष के सदस्यों के ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे से पूरा सदन गूँज उठा।
इस कानून के पारित होने के बाद हिंदू, जैन, सिख और अन्य गैर-बीफ खाने वाले समुदायों या मंदिर और किसी भी अन्य संस्थान के पाँच किलोमीटर के दायरे में पशु हत्या नहीं की जा सकेगी। कानून तोड़ने वालों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। हालाँकि, सरकार के इस फैसले से विपक्ष पूरी तरह से नाखुश दिखा।
असम में विपक्षी कॉन्ग्रेस, एआईयूडीएफ और सीपीआई (एम) ने सरमा सरकार के इस विधेयक को विधानसभा चयन समिति के पास भेजने की माँग की थी, लेकिन मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बिल पर चर्चा के दौरान इसे चयन समिति के पास भेजने से इनकार कर दिया।
आज बिल पास हो गया है इसलिए अब से किसी भी मंदिर के 5 किलोमीटर के दायरे में गोहत्या व गोमांश की बिक्री नहीं हो सकती: असम विधानसभा में मवेशी संरक्षण विधेयक पारित होने पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा pic.twitter.com/3CXgbfYlJo
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 13, 2021
बिल के पास होने पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री सरमा ने ट्वीट कर कहा, “ऐतिहासिक असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 के पारित होने के साथ अपने चुनावी वादे को पूरा करने पर बेहद खुशी और गर्व है। मुझे यकीन है कि यह अवैध पशु व्यापार और असम के माध्यम से पारगमन को भारी झटका देगा, जिससे हमारी परंपरा में सदियों से चली आ रही मवेशियों की उचित देखभाल सुनिश्चित होगी।”
Extremely happy and proud to fulfill our poll promise with the passing of historic Assam Cattle Preservation Act, 2021.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 13, 2021
I’m sure this will deal a heavy blow to the illegal cattle trade & transit through Assam, ensuring due care of cattle as practised in our tradition for ages. pic.twitter.com/9RZ4z4iCYd
विधेयक पर चर्चा के दौरान माकपा के मनोरंजन तालुकदार का कहना था कि इस बिल से लोगों के खाने के अधिकार का हनन होगा, खासकर जहाँ अल्पसंख्यक लोग बीफ खाते हैं। हालाँकि, उनकी इस बात को ही सीएम ने खारिज कर दिया। सरमा ने कहा कि इससे साम्प्रदायिक सद्भाव होगा। इसका उद्येश्य किसी को खाने से रोकना नहीं है। बीफ खाने वालों को दूसरे की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
मुस्लिम भी साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने में योगदान दें
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने मुस्लिमों को लेकर कहा, “केवल हिंदू ही साम्प्रदायिक सद्भाव को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार बनें ये संभव नहीं है। मुस्लिमों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए।” सरमा ने कहा कि हम गायों की पूजा करते हैं यही सबसे अहम बात है।