महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और NCP के नेता अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की 100 करोड़ रुपए की वसूली के मामले में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। गुरुवार (2 जून 2022) को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने सेशन कोर्ट में 59 पन्नों की चार्जशीट फाइल की है। इसमें जाँच एजेंसी ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को माफी दे दी है और उसे सरकारी गवाह बना लिया है।
वाजे को मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एँटीलिया के बाहर विस्फोटकों से भरी कार खड़ी करने के मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने गिरफ्तार किया था। पिछले सप्ताह सचिन वाजे ने स्पेशल कोर्ट में एक अपील दायर कर खुद को अनिल देशमुख के खिलाफ सरकारी गवाह बनाने की माँग की थी। इसके बाद सीबीआई ने अभियोजन पक्ष का गवाह बनने के वाजे की माँग को मान लिया था। ताकि इस मामले में शामिल सभी आरोपितों के चेहरे से झूठ और फरेब के नकाब को उतारा जा सके।
एक दिन पहले अदालत में सुनवाई के दौरान मामले में दलीलें सुनीं और जेल अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सचिन वाजे को पेश करने को कहा। स्पेशल जस्टिस डीपी शिंगडे ने वाजे से कहा, “मैंने आपके आवेदन की अनुमति दी है, लेकिन मैंने कुछ शर्तें लगाई हैं। मुझे बताएँ कि क्या यह आपको स्वीकार्य है।”
जस्टिस शिंगडे ने शर्तों को पढ़ा। उन्होंने कहा कि वाजे को भ्रष्टाचार के पूरे मामले का खुलासा करना है। उन्हें आईपीसी की धारा धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए सभी तथ्यों का खुलासा करना होगा। उन्हें उन सवालों का सच्चाई से जवाब देना चाहिए जो लोक अभियोजक द्वारा मुकदमे के दौरान पूरे मामले को सुलझाने के लिए कहा जाएगा। कोर्ट की शर्तों को मानने के बाद ही वाजे को सरकारी गवाह बनाया गया।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि 20 मार्च 2021 को मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया था कि पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपए इकट्ठा कर उन्हें देने के आदेश दिए थे। परमबीर सिंह ने चिट्ठी में ये भी कहा कि सचिन वाजे ने उन्हें बताया था कि अनिल देशमुख ने उससे हर महीने जेल से, रेस्ट्रां, होटल, बार आदि जगहों से 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने को कहा था। इन्हीं आरोपों के बाद सीबीआई ने 24 अप्रैल 2022 को अनिल देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।